गरीब के पास ना बिजली, ना करंट और वो जब रात को उठेगा तो बच्चे ही पैदा करेगा: बदरुद्दीन अजमल

देश
किशोर जोशी
Updated Apr 02, 2021 | 15:55 IST

ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (AIUDF के अध्यक्ष बदरुद्दीन ने जनसख्या वृद्धि को लेकर एक अजीबोगरीब बयान दिया है। इस बयान के बाद विवाद होना तय है।

Badruddin Ajmal says Poor People have no electricity and when they wake up at night, they will produce children
अजमल बोले- गरीब रात को उठेगा तो बच्चे ही पैदा करेगा 
मुख्य बातें
  • जनसंख्या विस्फोट से पार पाने को लेकर बदरुद्दीन अजमल ने दिया अजीब तर्क
  • ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट के मुखिया ने दिया अजीबोगरीब बयान

गोवाहाटी: असम में इन दिनों विधानसभा चुनाव का प्रचार अभियान जोरों पर है। दो चरण का मतदान हो चुका है जबकि  एक चरण की वोटिंग बांकी है। इन सबके बीच ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (AIUDF के अध्यक्ष बदरुद्दीन अजमल ने जनंसख्या वृद्धि को लेकर एक बेतुका बयान बयान दिया है। एक समाचार वेबसाइट के साथ बातचीत के दौरान बदरुद्दीन अजमल ने बढ़ती जनसख्या को लेकर ऐसा तर्क दिया कि जो गले से नहीं उतरता है।

दिया अजीबोगरीब तर्क
अजमल ने कहा कि जनसंख्या एक समस्या है इससे कोई इनकार नहीं कर सकता है। जब अजमल से पूछा गया की बढ़ती जनसंख्या का समाधान क्या है? तो उन्होंने जवाब देते हुए कहा, 'उनके पास मनोरंजन के लिए क्या आपने दिया? टेलिवीजन उनके पास है? रहने के लिए तो घर नहीं है। हवा के लिए पंखा उनके पास नहीं है। करंट नहीं है, बिजली नहीं है। इंसान हैं वो भी। गरीब जब रात को उठेगा, मियां-बीबी हैं, दोनों जवान हैं। क्या करेंगे? बच्चे ही तो पैदा करेंगे और क्या करेंगे?'

कही ये बात
अजमल ने कहा कि जनसंख्या वृद्धि एक जनसंख्या है और इसका समाधान ये ही कि बच्चों को तालीम दो, पढ़ाओ लिखाओ और बाद में वो खुद अच्छे बुरे की पहचान करेंगे। यह पहली बार नहीं है जब अजमल ने ऐसा बयान दिया हो। अक्टूबर 2019 में भी उन्होंने कुछ इसी तरह का बयान दिया था और कहा था कि मुस्लिम किसी की नहीं सुनेंग, बच्चे पैदा करते रहेंगे।

पहले भी दे चुके हैं विवादित बयान
तब अजमल ने कहा था, 'इस्लाम दो बच्चों के सिद्धांत में विश्वास नहीं करता। कोई भी व्यक्ति किसी को दुनिया में आने से नहीं रोक सकता। सरकार येनकेन-प्रकरेण मुस्लिमों को नौकरी नहीं देना चाहती। मुस्लिम जितने बच्चे चाहें, पैदा करें और उन्हें शिक्षा प्रदान करें ताकि वे अपना व्यापार कर सके, कंपनियां और दुकानें खोल सकें जिसमें वे हिंदू भाई-बहनों को नौकरी दे सकें।' अजमल के इस बयान की राजनीतिक जगत में काफी आलोचना भी हुई थी।
 

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