West Bengal Elections 2021: एक सीट ऐसी जहां आमने सामने हैं दो पूर्व IPS कमिश्नर, TMC और BJP में टक्कर

देश
किशोर जोशी
Updated Mar 07, 2021 | 08:10 IST

पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में इस बार बीजेपी और सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस के बीच कड़ा मुकाबला हो रहा है। राज्य में एक सीट ऐसी है जहां दो पूर्व आईपीएस अधिकारियों के बीच मुकाबला है।

Bengal Chuanv Two former IPS officers to contest against each other from  seat
Bengal: इस सीट पर आमने सामने हैं दो पूर्व IPS कमिश्नर  
मुख्य बातें
  • देबरा सीट से दो पूर्व IPS ऑफिसर इस बार चुनाव में आमने-सामने होंगे
  • झाड़ग्राम की कमिश्नर रही भारती एक समय ममता बनर्जी की करीब मानी जाती थी
  • पूर्व आईपीएस हुमांयू कबीर ने पिछले महीने ही थामा था टीएमसी का दामन

कोलकाता:  पश्चिम बंगाल विधानसभा के लिए सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस (TMC) और भाजपा ने अपने उम्मीदवारी को जो लिस्ट जारी की है उसमें कई ऐसे नाम हैं जो पहले भी सुर्खियां बंटोर चुके हैं। इन सबके बीच दो नाम ऐसे हैं जिनकी चर्चा आजकल खूब हो रही है और ये दो नाम हैं पूर्व आईपीएस हुमांयू कबीर और पूर्व आईपीएस अधिकारी भारती घोष का। एक को भाजपा ने टिकट दिया है तो दूसरे को तृणमूल कांग्रेस ने टिकट दिया और सीट का नाम है डेबरा।

हॉट सीट बनी डेबरा
दो आईपीएस अधिकारियों के आमने- सामने आने से पश्चिम मिदनापुर जिले की यह डेबरा सीट हॉट सीटों में शामिल हो गई है और यहां काफी दिलचस्प मुकाबला होने जा रहा है। भारती घोष जो बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ रही हैं वो कभी ममता बनर्जी की करीबी मानी जाती थीं, लेकिन 2019 में लोकसभा चुनाव से ठीक पहले उन्होंने भाजपा ज्वॉइन कर ली थी। वहीं हुमायूं कबीर ने पिछले महीने ही टीएमसी का दामन थामा था।

कौन हैं हुमायूं कबीर
चंदननगर के पूर्व पुलिस आयुक्त हुमायूं कबीर ने इसी साल जनवरी में निजी कारणों का हवाला देते हुए अपने रिटायरमेंट से तीन महीने पहले इस्तीफा दे दिया था।  2003-बैच के आईपीएस अधिकारी कबीर बाद में ममता बनर्जी की उपस्थिति में एक कार्यक्रम के दौरान टीएमसी में शामिल हुए थे। कबीर उस समय सुर्खियों में आए थे जब उन्होंने  सुभेंदु अधिकारी की रैली में विवादास्पद नारे लगाने के आरोप में तीन बीजेपी कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया था।

कौन हैं भारती घोष

भारती घोष झाड़ग्राम की कमिश्नर रही हैं और एक समय उन्हें ममता बनर्जी की करीबी माना जाता था। रिटायरमेंट लेने के बाद उन्होंने 2019 में हुए लोकसभा के पहले बीजेपी का दामन थाम लिया था। 2019 में उन्होंने घाटल लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा था लेकिन वह चुनाव हार गईं थी। भारती घोष पर आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का भी आरोप लग चुका है।

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