किसानों की मांग समेत कई मुद्दों को लेकर अमित शाह से मिले भगवंत मान, बोले- मिला आश्वासन

पंजाब के सीएम भगवंत मान ने किसानों की डिमांड को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि बासमती पर MSP और पंजाब में सीमावर्ती क्षेत्रों की सुरक्षा को लेकर चर्चा हुई।

Bhagwant Mann met Amit Shah on many issues including farmers' demand, said got assurance
गृह मंत्री अमित शाह से मिले पंजाब सीएम भगवंत मान  |  तस्वीर साभार: ANI

दिल्ली : पंजाब के सीएम भगवंत मान ने गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। उसके बाद उन्होंने कहा कि मैंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की और किसानों की मांगों समेत कई मामलों पर चर्चा की। सीमा सुरक्षा के लिए केंद्र द्वारा सुरक्षा बलों की 10 और कंपनियां मुहैया कराई जाएंगी। साथ ही उन्होंने कहा कि किसानों की मांगों, BBMB में पंजाब का प्रतिनिधित्व, सीमा पर ड्रोन रोकने, बासमती पर MSP और पंजाब में सीमावर्ती क्षेत्रों की सुरक्षा पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि गृह मंत्री ने सभी मांगों पर गौर करने का आश्वासन दिया।

इससे पहले मान सरकार ने किसानों की कई मांगों को मान लिया है, जिसके बाद राज्य के किसानों ने चंडीगढ़-मोहाली सीमा पर बुधवार को अपना प्रदर्शन समाप्त कर दिया। इससे पहले 20 से अधिक किसान संगठनों के प्रतिनिधियों ने यहां पंजाब भवन में मुख्यमंत्री भगवंत मान के साथ लंबी बैठक की। बासमती की फसल के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के मुद्दे पर सीएम मान ने किसानों से कहा था कि वह गुरुवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात करेंगे और अनुरोध करेंगे कि केंद्र सरकार बासमती पर एमएसपी की घोषणा करे ताकि बड़े स्तर पर इसके उत्पादन को प्रोत्साहित किया जा सके।

मान ने किसान नेताओं से यह भी कहा था कि राज्य सरकार ने मूंग की समस्त फसल 7,275 रुपये प्रति क्विंटल के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदने के लिए अधिसूचना जारी कर दी है। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार मक्का को भी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदने के तौर-तरीकों को अंतिम रूप दे रही है, ताकि उसके फसल विविधीकरण के महत्वाकांक्षी कार्यक्रम को बल मिले।

मान ने किसानों की प्रमुख मांगों को स्वीकार करते हुए धान की 14 और 17 जून को अलग-अलग बुआई के नए कार्यक्रम की घोषणा की। इस तरह बुआई के लिए क्षेत्रों की संख्या पहले के चार के मुकाबले केवल दो तक सीमित कर दी गयी है। हालांकि सीमा पर बाड़ के पास वाले क्षेत्र को क्षेत्रीय पाबंदियों से अलग रखा गया है और इस क्षेत्र के किसानों को 10 जून से धान बोने की अनुमति दी गयी है। गौर है कि इससे पहले पूरे राज्य को चार क्षेत्रों में बांटकर धान की बुआई अलग-अलग करने का फैसला किया गया था। इसके लिए 18, 22, 24 और 26 जून की तारीख तय की गयी थी, लेकिन किसान संगठनों ने इस कार्यक्रम को खारिज कर दिया था।

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