Rafale fighter jet: भारत-चीन तनाव के बीच बड़ी खबर, 27 जुलाई तक राफेल विमान मिलने की उम्मीद

देश
एजेंसी
Updated Jun 29, 2020 | 16:41 IST

Rafale jet by 27 july in India: भारत चीन तनाव के बीच उम्मीद जताई जा रही है कि 6 राफेल विमानों की पहली खेप 27 जुलाई तक भारत को मिल जाएगी।

Rafale fighter jet: भारत-चीन तनाव के बीच बड़ी खबर, 27 जुलाई तक राफेल विमान मिलने की उम्मीद
राफेल से भारतीय वायुसेना को और मिलेगी ताकत 
मुख्य बातें
  • 27 जुलाई तक 6 राफेल लड़ाकू विमान भारत पहुंचने की उम्मीद
  • भारतीय वायुसेना की ताकत में और होगा इजाफा
  • फ्रांस से 36 राफेल की हुई थी डील

नई दिल्ली। 27 जुलाई तक भारत को 6 राफेल लड़ाकू विमानों का पहला बैच हासिल हो सकता है और इन्हें अंबाला एयरबेस पर रखा जाएगा। गलवान हिंसा के बाद जिस तरह से भारत और चीन के बीच तनाव बढ़ा है उसमें इस विमान के आने की खबर भारतीय नजरिए से अच्छा माना जा रहा है। बताया जा रहा है कि 2 जून को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और उनके समकक्ष फ्रांस की रक्षा मंत्री फ्लोरेंस से टेलीफोन पर बातचीत हुई थी और उन्होंने भरोसा दिया कि फ्रांस में कोरोना संक्रमण के बावजूद राफेल विमानों की डिलीवरी तय समय पर की जाएगी। 

27 जुलाई तक भारत में राफेल !
इस खबर के बारे में जब सैन्य अधिकारियों से बात की गई तो उन्होंने कहा कि निश्चित तौर पर एयरफोर्स की मारक क्षमता में इजाफा होगा। इससे भारत के दुश्मनों का सीधा संदेश जाएगा। हालांकि इस विषय पर भारतीय वायुसेना ने कमेंट करने से इंकार किया है। जानकार भी कहते हैं कि अगर जुलाई तक राफेल भारत की धरती पर आ जाते हैं तो निश्चित तौर पर चीन के खिलाफ एक बड़ी बढ़त होगी। 

चीन और पाकिस्तान के खिलाफ मिलेगी बढ़त
बता दें कि पूर्व वायुसेना प्रमुख बी एस धनोआ ने इशारा किया था कि कि राफेल लड़ाकू विमान भारत की हवाई ताकत को चीन- पाकिस्तान से एक कदम आगे ले जाएगा। उन्होंने कहा, 'यह हमारे दो विरोधियों के पास मौजूद क्षमता से आधी पीढ़ी आगे का विमान है।' गौरतलब है कि भारत और फ्रांस के बीच 36 लड़ाकू विमानों की डील हुई थी, इन विमानों को चीन- पाकिस्तान के पास आदमपुर और हाशीमारा एयरबेस पर तैनात किए जाने की योजना है।

भारत को 114 और लड़ाकू विमानों की जरूरत
भारत की ओर से 114 लड़ाकू विमानों की जरूरत पूरी करने को लेकर एमएमआरसीए 2.0 के लिए दुनिया की कई कंपनियों ने दिलचस्पी दिखाई है। इसमें अमेरिकी कंपनियों की ओर से एफ-21, एफए-18 सुपर हॉर्नेट, एफ-15 ईएक्स, रूस के मिग-35 और सुखोई 35, स्वीडन की साब कंपनी का ग्रिपेन, फ्रांस का राफेल, यूरोपीय कंपनियों का यूरो फाइटर टाइफून शामिल हैं। हालांकि 36 राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद के बाद राफेल के ही इस डील के तहत फिर से चुने जाने की संभावना जताई जा रही है।

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