समस्तीपुर : बिहार में पांच विधानसभा और एक लोकसभा सीट पर उपचुनाव की घोषणा के बाद राज्य में राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है। ऐसे तो सभी सीटें दोनों गठबंधनों के लिए महत्वपूर्ण है परंतु समस्तीपुर के सांसद और लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के नेता रामचंद्र पासवान के निधन के बाद खाली हुई समस्तीपुर लोकसभा क्षेत्र राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के घटक दल लोजपा के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न है।
समस्तीपुर में लोकसभा का उपचुनाव को लेकर उम्मीदवारों को लेकर चर्चा का बाजार गरम है। हालांकि माना जा रहा है कि राजग में उम्मीदवार को लेकर ज्यादा मुश्किल नहीं है। इस साल हुए लोकसभा चुनाव में समस्तीपुर की सुरक्षित सीट से लोजपा के प्रत्याशी रामचंद्र पासवान ने कांग्रेस के उम्मीदवार अशोक कुमार को हराकर संसद पहुंचे थे। पासवान को जहां 5,62,443 मत मिले थे वहीं कांग्रेस प्रत्याशी को 3,10,800 मत से संतोष करना पड़ा था। इससे पहले 2014 में भी पासवान ने अशोक कुमार को पराजित किया था।
रामचंद्र पासवान केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के छोटे भाई भी थे, जिनका दिल का दौरा पड़ने के बाद निधन हो गया था। लोजपा के सूत्रों के मुताबिक, लोजपा ने न केवल इस सीट पर अपना दावा ठोंक दिया है, बल्कि रामचंद्र पासवान के छोटे पुत्र प्रिंस राज का उम्मीदवार बनना भी तय है। सूत्रों का मानना है कि अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के ठीक पहले इस सीट पर किसी तरह के विवाद से राजग के दल बचेंगे, लिहाजा यह सीट लोजपा के ही खाते में बने रहने की संभावना है।
लोजपा के प्रवक्ता अशरफ अंसारी कहते हैं, समस्तीपुर से चुनाव लड़ने पर अभी विशेष चर्चा नहीं हुई है, लेकिन इस सीट पर कोई दुविधा की स्थिति नहीं हैं। यहां से हमारे दलित सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामचंद्र पासवान चुनाव लड़े थे और विजयी हुए थे। समस्तीपुर लोकसभा क्षेत्र में समस्तीपुर जिले का समस्तीपुर, कल्याणपुर, वारिसनगर एवं रोसड़ा तथा दरभंगा जिले के हायाघाट व कुशेश्वरस्थान विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं।
लगातार दो चुनावों में जीत का परचम लहरा चुकी लोजपा के लिए इस उपचुनाव में जीत दर्ज करना प्रतिष्ठा का प्रश्न है। कहा जा रहा है कि यहां से जीत राज्य और केंद्र सरकार के कामों पर भी मुहर होगी। वर्ष 2014 से समस्तीपुर का प्रतिनिधित्व कर चुके दिवंगत रामचंद्र पासवान के भाई और लोजपा के वरिष्ठ नेता पशुपति कुमार पारस भी कहते हैं, समस्तीपुर लोकसभा सीट मेरे छोटे भाई रामचंद्र पासवान के निधन से खाली हुई है। अब इस सीट से रामचंद्र पासवान के छोटे पुत्र प्रिंस राज पिछले एक महीना से मेहनत कर रहे हैं।
उन्होंने हालांकि यह भी कहा कि इस सीट पर फैसला राजग के नेताओं की बैठक में लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि लोजपा सहयोगी दलों से आग्रह करेगी कि ये सीट लोजपा को मिले। उन्होंने भरोसा जताया कि इस लोकसभा सीट से प्रिंस राज को चुनाव लड़ने से लोग उन्हें वोट देंगे और वे यहां से रिकार्ड मतों से जीतेंगे। बहरहाल, इस सीट पर होने वाले उपचुनाव को लेकर अब तक उम्मीदवार तय नहीं हुए हैं, लेकिन इतना तय है कि इस सीट पार जीत हासिल करने के लिए राजग कोई कोर कसर नहीं छोड़ेगा।
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