'मोदी के हनुमान' चिराग ने लगाई JDU की 'लंका', करीब 30 सीटों पर बने NDA की हार की वजह

देश
किशोर जोशी
Updated Nov 11, 2020 | 10:50 IST

खुद को प्रधानमंत्री मोदी का ‘हनुमान’ बताने वाले लोजपा प्रमुख चिराग पासवान ने इस चुनाव में जेडीयू के अलावा पूरे एनडीए के समीकरण गड़बड़ा दिए, वरना एनडीए का आंकड़ा 150 के पार भी जा सकता था।

Bihar Chunav NDA lost more than two dozen seats due to Chirag Paswan's LJP
'मोदी के हनुमान' ने लगाई NDA की 'लंका', 30 सीटों का नुकसान 
मुख्य बातें
  • बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए को दो दर्जन सीटों पर नुकसान पहुंचा गए चिराग
  • चिराग पासवान की वजह से जेडीयू को सर्वाधिक नुकसान
  • चिराग ने बीजेपी को छोड़कर सभी दलों के खिलाफ उतारे थे अपने उम्मीदवार

पटना: बिहार चुनाव के सभी सीटों के नतीजे सामने आ चुके हैं और पूर्ण बहुमत के साथ एनडीए ने एक बार फिर सत्ता में वापसी की है। हालांकि एनडीए बहुमत से केवल तीन सीटें ही ज्यादा हासिल कर सका है और एक सीट तो जेडीयू ने केवल 12 वोटों से जीती है। बीजेपी का प्रदर्शन जहां शानदार रहा वहीं जेडीयू उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर सकी और यही वजह रही कि एनडीए को कम सीटें मिलीं।


चिराग ने किया सबसे अधिक नुकसान
बिहार विधानसभा चुनाव में लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष चिराग पासवान ने एनडीए से गठबंधन तोड़ते हुए अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया था और 140 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे। भले ही चिराग की पार्टी एक ही सीट जीत सकी लेकिन एनडीए को अच्छा-खासा नुकसान कर गई जिस कारण एनडीए करीब 150 का आंकड़ा छूने से रह गया। चिराग ने सबसे अधिक नुकसान जेडीयू को पहुंचाया और करीब डेढ़ दर्जन से अधिक सीटों पर उनकी वजह से जेडीयू उम्मीदवार की हार हुई। चिराग पूरे चुनाव के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमले करते रहे।

एनडीए के सहयोगी वीआईपी पार्टी के मुखिया की कारण बने चिराग
चिराग पासवान की पार्टी लोजपा ने जेडीयू ही नहीं बल्कि एनडीए की सहयोगी पार्टी विकासशील इंसान पार्टी (VIP) को भी अच्छा खासा नुकसान पहुंचाया।  सिमरी बख्तियारपुर से वीआईपी प्रमुख मुकेश साहनी को करीब दो हजार वोटों से हार का सामना करना पड़ा और यहां पर लोजपा उम्मीदवार को सात हजार वोट मिले हैं जिससे साफ है कि अगर चिराग यहां उम्मीदवार नहीं उतारते तो मुकेश साहनी चुनाव जीत जाते। इसके अलावा सुगौली, मधुबनी और ब्रह्मपुर की ये तीन सीटें ऐसी रही है जहां वीआईपी पार्टी को चिराग की वजह से हार का सामना करना पड़ा। 

मांझी की पार्टी 'हम' को भी पहुंचाया नुकसान
जेडीयू और वीआईपी के अलावा चिराग पासवान की पार्टी ने जीतनराम मांझी पार्टी को भी एक सीट पर नुकसान पहुंचाया है। दरअसल चिराग ने बीजेपी को छोड़कर सभी दलों के उम्मीदवारों के खिलाफ अपने प्रत्याक्षी उतारे थे जो एनडीए के लिए मुश्किल खड़े कर गए। करीब दो दर्जन सीटें ऐसी रही जहां अगर चिराग उम्मीदवार नहीं उतारते तो एनडीए की जीत हो सकती थी।

जेडीयू ने साधा निशाना
जद(यू) के प्रवक्ता के सी त्यागी ने पीटीआई से बात करते हुए कहा कि एक ‘साजिश’के तहत नीतीश कुमार के खिलाफ ‘अपमानजनक अभियान’चलाया गया। उन्होंने बगैर किसी का नाम लिए कहा, इसमें ‘अपने भी शामिल थे और बेगाने भी।’ उन्होंने हालांकि उम्मीद जताई कि नीतीश कुमार फिर से बिहार के मुख्यमंत्री बनेंगे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि नीतीश कुमार ही राजग सरकार का नेतृत्व करेंगे।

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