बिहार विधानसभा में BJP बनी सबसे बड़ी पार्टी, VIP का अस्तित्‍व खत्‍म, मुकेश सहनी को तगड़ा झटका

बिहार की राजनीति में सक्रिय वीआईपी चीफ मुकेश सहनी को बड़ा झटका लगा है। पार्टी के सभी तीन विधायक बीजेपी में शामिल हो गए हैं। इसके साथ ही ब‍िहार विधानसभा में वीआईपी का अस्तित्‍व समाप्‍त हो गया है, जबकि बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बन गई है।

बिहार विधानसभा में BJP बनी सबसे बड़ी पार्टी, VIP का अस्तित्‍व खत्‍म, मुकेश सहनी को तगड़ा झटका
बिहार विधानसभा में BJP बनी सबसे बड़ी पार्टी, VIP का अस्तित्‍व खत्‍म, मुकेश सहनी को तगड़ा झटका  |  तस्वीर साभार: Twitter

पटना : बिहार में मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार की अगुवाई वाली राष्‍ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) सरकार में शामिल रही विकासशील इंसान पार्टी (VIP) के प्रमुख मुकेश सहनी को बड़ा झटका लगा है। बीजेपी से तनातनी के बीच VIP के सभी तीन विधायक बीजेपी में शामिल हो गए हैं। बिहार विधान परिषद के चुनाव और फिर यूपी विधानसभा चुनाव के समय से ही बीजेपी और वीआईपी के बीच सबकुछ ठीक नहीं चल रहा था और इसका नतीजा आज (बुधवार, 23 मार्च) वीआईपी के सभी तीन विधायकों द्वारा बीजेपी की सदस्‍यता ग्रहण कर लेने के रूप में सामने आया, जिसके साथ ही बिहार विधानसभा में वीआईपी का अस्तित्‍व खत्‍म हो गया है, जबकि बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बन गई है।

बिहार में अक्‍टूबर-नवंबर 2020 में हुए चुनाव में बीजेपी को 74 सीटों पर जीत हासिल हुई थी, जबकि 75 सीटों के साथ राष्‍ट्रीय जनता दल (RJD) सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी थी। इस चुनाव में बीजेपी का जेडीयू, वीआईपी सहित अन्‍य पार्टियों से गठबंधन था, जिसके साथ मिलकर नीतीश कुमार की अगुवाई में राज्‍य में सरकार का गठन हुआ। वीआईपी के हिस्‍से में चार सीटें आई थी, लेकिन पार्टी के टिकट पर विधानसभा चुनाव जीतने वाले मुसाफिर पासवान के निधन के बाद बिहार विधानसभा में इसके सदस्‍यों की संख्‍या तीन रह गई थी और बुधवार को वीआईपी के तीनों विधायकों के बीजेपी से जुड़ने के बाद सदन में अब पार्टी का अस्तित्‍व ही समाप्‍त हो गया है।

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BJP के हुए VIP के 3 विधायक

वीआईपी के तीन विधायकों मिश्री लाल यादव, राजू सिंह और स्वर्णा सिंह ने विधानसभा अध्‍यक्ष से मुलाकात कर बीजेपी में विलय को लेकर पत्र सौंपा था, जिसे कुछ देर बाद ही मंजूरी भी मिल गई। बाद में प्रदेश बीजेपी कार्यालय में बीजेपी के प्रदेश अध्‍यक्ष संजय जयसवाल ने तीनों को पार्टी की सदस्‍यता दिलाई। इस मौके पर उपमुख्‍यमंत्री तारकिशोर सिंह और रेणु देवी भी मौजूद रहीं। बीजेपी ने इसे विधायकों की घर वापसी करार दिया है। डिप्‍टी सीएम तारकिशोर सिंह ने कहा, ये लोग बीजेपी के टिकट से ही चुनाव लड़ने जा रहे थे, लेकिन एक समझौते के तहत वे वीआईपी के टिकट पर चुनाव लड़े थे। वीआईपी की विधायक दल की नेता स्वर्णा सिंह ने अपनी पार्टी का बीजेपी में विलय कर दिया है, जिसे विधानसभा अध्यक्ष ने भी मंजूरी दे दी है।

यहां गौर हो कि बीजेपी और वीआईपी के बीच दूरियां यूपी चुनाव को लेकर बढ़ने लगी थी, जिसमें वीआईपी ने चुनाव लड़ने की घोषणा की थी। इसके बाद बीजेपी ने बिहार विधान परिषद चुनाव में मुकेश सहनी से चर्चा किए बिना ही NDA के बीच सीट बंटवारे की घोषणा कर दी थी, जिसमें वीआईपी को कुछ हासिल नहीं हुआ था। ताजा विवाद बोचहां उपचुनाव को लेकर पैदा हुआ। यह सीट 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में वीआईपी के टिकट पर निर्वाचित मुसाफिर पासवान के निधन से खाली हुई थी, जहां से बीजेपी ने अपना उम्‍मीदवार मैदान में उतारा तो वीआईपी चीफ मुकेश सहनी ने भी इस पर नाराजगी जताते हुए पूर्व मंत्री रमई राम की बेटी गीता कुमारी को अपना उम्मीदवार बनाया। यहां 12 अप्रैल को उपचुनाव होना है और इसे लेकर बीजेपी और वीआईपी के बीच तनाव लगातार बढ़ रहा था।

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इन्‍हीं घटनाक्रमों के बीच मुकेश सहनी को मंगलवार को एनडीए से बाहर किए जाने और अगले ही दिन बुधवार को उनकी पार्टी के सभी विधायकों द्वारा बीजेपी में शामिल होने का घटनाक्रम सामने आया है। बीजेपी नेताओं का कहना है कि पिछले दिनों जो भी घटनाक्रम हुए उससे तीनों विधायक सहमत नहीं थे और यही वजह है कि वे घर वापसी चाहते थे। यही वजह है कि इन्‍हें बीजेपी में शामिल किया गया।

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