बिहार की सियासत में कानून मंत्री कार्तिकेय सिंह चर्चा के केंद्र में हैं। वजह फिलहाल किसी अच्छे काम के लिए नहीं है बल्कि उनसे जुड़े सरेंडर की है। बीजेपी का आरोप है कि जिस 16 अगस्त को उन्हें अदालत के सामने सरेंडर करना था उस दिन वो राजभवन में मंत्री पद की शपथ ले रहे थे। बीजेपी के इन आरोपों पर आरजेडी की तरफ से तीखी प्रतिक्रिया सामने आई। खुद लालू प्रसाद यादव उनके बचाव में उतरे। अब उनके वकील मधूसूदन शर्मा का क्या कहना है कि आइए उसे जानते और समझते हैं।
कार्तिकेय सिंह के वकील का क्या है कहना
तथ्य से परे आरोप
कार्तिकेय सिंह के वकील का कहना है कि कार्तिकेय सिंह के खिलाफ अपहरण केस में फरार होने की बात तथ्यों से परे है। वो उस मामले में अभियुक्त नहीं है, और ना ही जांच में उनका नाम आया है। उनके खिलाफ किसी तरह का सबूत भी नहीं है। पुलिस ने उन्हें क्लीन चिट दिया है। कार्तिकेय सिंह के अरेस्ट वारंट पर 12 अगस्त को रोक लगी थी और वो रोक आज भी जारी है। अब वो लोग कौन हैं जो कह रहे हैं कानून मंत्री कानून से भाग रहे है। अदालत के सामने पेश होने के लिए ना तो कोई सूचना है और ना ही कोई नोटिस।
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