पटना : कोरोना वायरस के प्रकोप से पूरा देश जूझ रहा है। कुछ राज्यों में इसने बड़ी संख्या में लोगों को अपनी चपेट में लिया है जबकि कुछ राज्यों में इसकी संक्रमण की दर काफी कम है। इनमें बिहार भी शामिल है। बिहार के पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश में कोविड-19 से संक्रमण की संख्या जहां 431 पहुंच गई है वहीं बिहार में इस महामारी ने अब तक 60 लोगों को अपनी चपेट में लिया है। यूपी में इस बीमारी से 32 लोगों को ठीक किया गया है जबकि 4 लोगों की मौत हुई। बिहार की अगर बात करें तो यहां कोविड-19 से एक व्यक्ति की जान गई है।
बिहार में संक्रमण की संख्या में कमी को डॉक्टर यहां के लोगों में इम्युन पावर (प्रतिरोधक क्षमता) की मजबूती से जोड़कर देख रहे हैं। डॉक्टरों का कहना है कि बिहार के लोगों में अन्य राज्यों की तुलना प्रतिरोधक क्षमता ज्यादा मजबूत है और बहुत हद तक इसके चलते यह महामारी बड़ी संख्या में लोगों को संक्रमित नहीं कर पा रही है। इस बात को इससे समझा जा सकता है कि बिहार में कोरोना के किसी मरीज को अभी वेंटीलेटर या आईसीयू में रखने की जरूरत नहीं पड़ी है।
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक कोविड-19 से जो लोग संक्रमित हैं या जिन्हें क्वरेंटाइन में रखा गया है, डॉक्टर ऐसे मरीजों का इलाज मलेरिया की दवा खिलाकर कर रहे हैं।
भारत सरकार के ट्रॉपिकल डिजीज संस्थान आरएमआरआई के डायरेक्टर पी दास का कहना है कि बिहार के लोग साल में कई महीनों तक वायरस के हमले झेलते रहते हैं इससे उनके शरीर में रोगों एवं विषाणुओं से लड़ने में प्रतिरोधक क्षमता ज्यादा मजबूत हो गई होगी।
इसके अलावा खान-पान एवं रहन-सहन प्रकृति के ज्यादा नजदीक होने से यहां के लोगों का इम्युनिटी पावर ज्यादा सक्रिय होता है। चिकित्सा विशेषज्ञों का कहना है कि यहां के लोग वर्षों से मलेरिया का सामना करते आए हैं। मलेरिया के खिलाफ उनकी प्रतिरोधक क्षमता भी इस बीमारी से बचाने में उनकी मदद कर रही होगी।
इन सबके बावजूद बिहार में पिछले 24 घंटे में कोविड-19 के 17 नए केस सामने आए हैं। राज्य में इस महामारी के सबसे ज्यादा 29 मामले सिवान से आए हैं। अन्य जिलों मुंगेर में सात, पटना में पांच, गया में पांच, बेगूसराय में पांच, गोपालगंज में तीन, नालंदा में दो, सारण, लखीसराय, भागलपुर और नवादा में एक-एक कोरोना पॉजिटिव केस मिले हैं। राज्य में इस महामारी से एक व्यक्ति की मौत हुई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लोगों से सोशल डिस्टेंसिंग अपनाने पर जोर दिया है।
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