केंद्रीय पशुपालन राज्य मंत्री संजीव बालियान ने बुधवार को कहा कि एवियन इन्फ्लूएंजा, जिसे आमतौर पर बर्ड फ्लू के रूप में जाना जाता है, को मनुष्यों में प्रेषित किया जा सकता है, लेकिन अभी तक भारत में ऐसा कोई मामला सामने नहीं आया है। बालियान ने यह भी कहा कि इस बीमारी का कोई इलाज नहीं है, राज्य सरकारों से पक्षियों की आवाजाही पर प्रतिबंध और पक्षियों के उचित निपटान सहित बचाव उपाय करने का आग्रह किया गया है।उन्होंने यह भी कहा कि हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश और केरल सहित पांच राज्यों में अब तक एवियन इन्फ्लूएंजा के मामले सामने आए हैं।
उन्होंने कहा कि-'हमें 5 राज्यों - हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश और केरल से A1 इन्फ्लूएंजा की रिपोर्ट मिली है। हरियाणा में, यह पोल्ट्री के लिए प्रेषित किया गया है अन्यथा वायरस जंगली और प्रवासी पक्षियों में मिला है।'
वहीं हैदराबाद में बर्ड फ्लू पर उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की गई जिसमें तलसानी श्रीनिवास यादव ने कहा, देश में अन्य राज्यों में बर्ड फ्लू की चपेट में आने के बाद तेलंगाना के उच्च अधिकारी यह सुनिश्चित करने के लिए सभी निवारक उपाय कर रहे हैं कि बर्ड फ्लू तेलंगाना में प्रवेश न करे।
देश के विभिन्न राज्यों को बर्ड फ्लू के एच5एन8 स्वरूप (स्ट्रेन) को नियंत्रित करने के लिए मंगलवार को अलर्ट कर नमूनों को जांच के लिये भेज दिया गया जबकि केरल में मुर्गों और बत्तखों को मारना शुरू कर दिया गया है। हरियाणा के पंचकूला जिले की फर्म में बीते 10 दिन के दौरान चार लाख से अधिक पोल्ट्री पक्षियों की मौत हो चुकी है।उन्होंने कहा कि जालंधर की स्थानीय रोग जांच प्रयोगशाला की एक टीम ने पक्षियों के नमूने एकत्रित कर लिये हैं।
वहीं, केरल में बर्ड फ्लू के एच5एन8 स्वरूप (स्ट्रेन) को नियंत्रित करने के लिए मुर्गे-मुर्गियों और बत्तखों को मंगलवार को मारना शुरू कर दिया गया जबकि हिमाचल प्रदेश, राजस्थान और मध्य प्रदेश में फ्लू के मामले रिपोर्ट होने के बाद जम्मू कश्मीर ने अलर्ट घोषित कर दिया है और प्रवासी पक्षियों के नमूने लेने शुरू कर दिए हैं।
केरल में पक्षियों के संक्रामक रोग के प्रकोप के बाद पड़ोसी कर्नाटक और तमिलनाडु ने निगरानी बढ़ा दी है और दिशा-निर्देश जारी किए हैं। केरल में फ्लू के कारण करीब 1700 बत्तखों की मौत हो गई है।मध्य प्रदेश के अधिकारियों ने बताया कि इंदौर के रेसीडेंसी क्षेत्र में आठ दिन पहले मृत कौओं में बर्ड फ्लू के एच5एन8 वायरस की पुष्टि होने के बाद अब तक शहर में इसी प्रजाति के 155 पक्षी मरे पाए गए हैं। राजस्थान में झालावाड़ के बाद कोटा और बारां के पक्षियों में भी संक्रमण पाया गया है।
महाराष्ट्र की सीमा मध्य प्रदेश से लगती है।हिमाचल प्रदेश के अधिकारियों ने प्रदेश में पोल्ट्री पक्षियों में संक्रमण फैलने से रोकने के लिए मंगलवार को कांगड़ा जिले के पोंग डैम लेक अभयारण्य के आसपास के इलाकों का सर्वेक्षण किया। इससे एक दिन पहले मृत प्रवासी पक्षियों के नमूनों में एच5एन8 पाया गया था।
हिमाचल प्रदेश के पशुपालन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इलाके में अबतक 2700 प्रवासी पक्षी मृत मिले हैं। उनके नमूने जांच के लिए भेजे गए हैं। केरल में अलप्पुझा और कोट्टायम में प्रभावित क्षेत्रों के एक किलोमीटर के दायरे में पक्षियों को मारने का अभियान शुरू किया गया। दोनों जिलों से भोपाल की प्रयोगशाला में भेजे गए नमूनों में बर्ड फ्लू की पुष्टि होने के एक दिन बाद यह अभियान शुरू किया गया है।
मध्य प्रदेश के इन्दौर में बर्ड फ्लू की आहट 29 दिसंबर को सुनाई पड़ी थी, जब रेसीडेंसी क्षेत्र के डेली कॉलेज परिसर में करीब 50 कौए मृत पाए गए थे। इनमें से दो कौओं के नमूने की भोपाल की एक प्रयोगशाला में जांच कराई गई तो इनमें एच5एन8 की पुष्टि हुई थी।
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