भाजपा और आम आदमी पार्टी फिर आमने-सामने, ये 3 मुद्दे बढ़ाएंगे तकरार

BJP Vs AAP : पांच राज्यों में चुनावों के बाद एक बार फिर से भाजपा और आम आदमी पार्टी आमने-सामने हैं। ऐसे में 2018 के दौर की यादा ताजें होने लगी हैं, जब एलजी के अधिकारों को लेकर केंद्र और दिल्ली सरकार के बीच खींचतान बढ़ गई थी।

Arvind Kejriwal And Narendra Modi
भाजपा और आम आदमी पार्टी में फिर बढ़ी तकरार  |  तस्वीर साभार: ANI
मुख्य बातें
  • कश्मीर फाइल्स पर अरविंद केजरीवाल के बयान के बाद भाजपा और आप आमने-सामने हैं।
  • केंद्र सरकार दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के विलय संबंधी विधेयक लेकर आई है।
  • दोनों पार्टियों के बीच चंडीगढ़ को लेकर भी विवाद शुरू हो गया है

BJP Vs AAP : पांच राज्यों में चुनावों के बाद एक बार फिर से भाजपा और आम आदमी पार्टी की तकरार की पुरानी यादें ताजा होने लगी है। एक समय एलजी और दिल्ली सरकार के अधिकारों को लेकर दोनों राजनीतिक दलों के बीच खींचतान ऐसी बढ़ गई थी कि साल 2018 में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल एलजी के घर पर अपने 3 मंत्रियों के साथ धरने पर बैठ गए थे। अब ऐसे ही तकरार के संकेत फिर से दिखने लगे हैं। चाहे दिल्ली में नगर निगमों के एकीकरण का मामला हो या फिर पंजाब में चंडीगढ़ के कर्मचारियों का मुद्धा या फिर फिल्म कश्मीर फाइल्स का मुद्दा, इन सब मुद्दों पर दोनों पार्टियां आमने-सामने हैं।

कश्मीर फाइल्स को लेकर केजरीवाल के घर पर तोड़-फोड़ !

बीते बुधवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के घर पर हमले का दावा उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने किया। उनका कहना था कि भाजपा के कार्यकर्ताओं ने उनके घर पर हमला किया। उनके घर पर सीसीटीवी कैमरे, बैरियर तोड़ने की घटना सामने आई। जिसमें अब तक 8 लोगों को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया है। असल में अरविंद केजरीवाल द्वारा द कश्मीर फाइल्स फिल्म को लेकर दिए बयान को लेकर भारतीय जनता युवा मोर्चे के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन की बात कही थी। और उसके बाद ही वहां पर तोड़-फोड़ की घटनाएं हुई। हालांकि भाजयुमो ने ऐसा करने से इंकार किया। 

इसके पहले अरविंद केजरीवाल ने 25 मार्च को बयान दिया था कि ये लोग कह रहे हैं कि द कश्मीर फाइल्स को मुफ्त कर दो, इसे यूट्यूब पर डाल दो ना, अपने आप मुफ्त हो जाएगी, सब देख लेंगे. आप हमसे इसे टैक्स फ्री करने को क्यों कह रहे हो। इसी के बाद से उनके खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया था।

एमसीडी के नए प्रस्ताव पर विवाद

मोदी सरकार दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के विलय संबंधी विधेयक लेकर आई है। इसके पारित होने के बाद दिल्ली में मौजूदा तीन नगर निगम एक हो जाएंगे। और इसी पर भाजपा और आम आदमी पार्टी में रार चल रही है। इस विधेयक के पीछे केंद्र सरकार का यह मानना है कि  2011 में नगर निगम के बंटवारे के बाद 2 निगम कमजोर हो गए और तीनों नगर निगमों की आमदनी का संतुलन भी बिगड़ गया। हालात ऐसे हो गए  दो नगर निगमों में कर्मचारियों को वेतन और रिटायरमेंट पर दी जाने वाली राशि देना का भी टोटा हो गया। 

नए विधेयक से वित्तीय  संकट खत्म होगा और कामकाज को बेहतर करने में मदद मिलेगी। जबकि आम आदमी पार्टी का तर्क है कि केजरीवाल सरकार का यह तर्क है कि तीनों निगमों का एकीकरण केवल एक बहाना है इसके जरिए केंद्र सरकार निगम चुनाव को टालना चाहती है। इस बीच आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने सभापति को पत्र लिखकर विधेयक को रोकने की मांग की है। उनका कहना है कि एमसीडी के विषय में फैसला लेने का अधिकार दिल्ली विधानसभा का है। 

इस विरोध के बीच पूर्वी दिल्ली नगर निगम की बैठक  में आम आदमी पार्टी और बीजेपी पार्षद आपस में भिड़ गए और एक दूसरे के कपड़े तक फाड़ डाले। ऐसे में साफ है कि इस पर दोनों पार्टियों के बीच अभी खींचतान जारी रहेगी।

चंडीगढ़ को लेकर खींचतान 

दोनों पार्टियों के बीच चंडीगढ़ को लेकर भी विवाद शुरू हो गया है। हाल ही में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने ऐलान किया था कि केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ में काम करने वाले सरकारी कर्मचारियों पर केंद्र के नियम लागू होंगे। यानी उन पर पंजाब के नियम नहीं लागू होंगे। अधिसूचना के अनुसार  22 हजार कर्मचारी केंद्र सरकार के नियमों के तहत आ गए।  नए नियमों के तहत  कर्मचारियों की रिटायरमेंट की उम्र 58 से बढ़कर 60 हो गई है। वहीं फोर्थ ग्रेड में रिटायरमेंट की उम्र 60 से 62 वर्ष हो गई है।

इस फैसले का  पंजाब में आम आदमी पार्टी, कांग्रेस और अकाली दल इस फैसले का विरोध कर रहे हैं। और इसके विरोध में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने चंडीगढ़ को तत्काल पंजाब को ट्रांसफर करने की मांग करते हुए शुक्रवार को राज्य विधानसभा में एक प्रस्ताव पेश कर दिया है। ऐसे में यह विवाद भी तूल पकड़ेगा।

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