नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने दिल्ली आम आदमी पार्टी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि वे वोट बैंक की राजनीति के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता करने के लिए तैयार हैं। राष्ट्रीय सुरक्षा हमारे लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है और जैसा कि हमने पहले कहा है, अवैध अप्रवासियों को यहां आश्रय नहीं दिया जाएगा। विदेश मंत्रालय उन्हें उनके देशों में वापस भेजने के लिए बातचीत कर रहा है। उन्होंने कहा कि यहां रहने वाले अवैध प्रवासी रोहिंग्याओं को मुफ्त पानी, बिजली, राशन दिया जाता है। अब दिल्ली सरकार उन्हें फ्लैट भी देने वाली थी। उन्होंने फिर झूठ बोला है, रेवड़ी बांटी है। सीएम केजरीवाल डिटेंशन सेंटर क्यों नहीं तैयार कर सके। मैं स्पष्ट करना चाहता हूं, एचएमओ ने स्पष्ट रूप से कहा है कि रोहिंग्या अवैध प्रवासियों को भारत का नागरिक नहीं माना जाएगा। उन्हें वापस भेज दिया जाएगा; इसके लिए विदेश मंत्रालय बातचीत कर रहा है। यह अंतिम स्टेटमेंट है।
इससे पहले गुरुवार को दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा कि उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर यह पता लगाने के लिए जांच का आदेश देने का आग्रह किया है कि रोहिंग्या मुसलमानों को राष्ट्रीय राजधानी में फ्लैट में स्थानांतरित करने का फैसला किसके निर्देश पर लिया गया था। सिसोदिया ने कहा कि हमने रोहिंग्या मुस्लिमों को फ्लैट में स्थानांतरित करने का फैसला नहीं लिया। केंद्र ने भी कहा है कि उसने यह फैसला नहीं किया है। तो फिर यह फैसला किसने किया? उन्होंने मांग की कि जिन्होंने यह फैसला किया है, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। सिसोदिया ने कहा कि उन्होंने गृह मंत्री से रोहिंग्या मुसलमानों को स्थानांतरित करने के मुद्दे पर केंद्र के रुख को स्पष्ट करने का भी आग्रह किया है।
डिप्टी सीएम ने दावा किया कि रोहिंग्या समुदाय के सदस्यों को स्थानांतरित करने को लेकर केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी के ट्वीट के बाद जब आम आदमी पार्टी और अन्य ने इसका विरोध किया तो गृह मंत्रालय ने बुधवार को इस पर सफाई दी। पुरी ने कहा था कि राष्ट्रीय राजधानी में रह रहे रोहिंग्या शरणार्थियों को आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए बने फ्लैटों में स्थानांतरित किया जाएगा।
इसके कुछ घंटों बाद ही केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि इस तरह का कोई भी फैसला नहीं लिया गया है और दिल्ली सरकार को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि अवैध विदेशियों को जबतक उनके देश नहीं भेज दिया जाता तब तक उन्हें निरूद्ध केंद्रों में रखा जाए। मंत्रालय ने यह भी कहा था कि दिल्ली सरकार ने रोहिंग्या मुसलमानों को नए स्थान पर स्थानांतरित करने का प्रस्ताव दिया था।
सिसोदिया ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के इस दावे को खारिज कर दिया था कि इस बारे में दिल्ली सरकार ने प्रस्ताव दिया था। साथ ही उन्होंने आरोप लगाया था कि मोदी सरकार राष्ट्रीय राजधानी में रोहिंग्या शरणार्थियों को स्थायी आवास देने की गुपचुप कोशिश कर रही है।
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