नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल में इस साल हुए विधानसभा चुनाव से पहले लगातार खबरें आती थीं कि पार्टी के नेता बीजेपी में शामिल हो रहे हैं। लेकिन नतीजों के बाद चीजें बदलनी शुरू हो गई हैं। 4 साल पहले बीजेपी में गए ममता बनर्जी के करीब मुकुल रॉय टीएमसी में वापस आ गए हैं। अब खबरें आती रहती हैं कि अभी कई नेता वापसी करना चाहते हैं। इस बीच भाजपा नेता राजीब बनर्जी ने शनिवार को तृणमूल कांग्रेस के नेता कुणाल घोष के साथ कोलकाता में उनके आवास पर मुलाकात की। कुणाल घोष टीएमसी के पश्चिम बंगाल राज्य सचिव हैं।
मुलाकात के बाद राजीब बनर्जी ने मीडिया से कहा, 'मैं शिष्टाचार मुलाकात के लिए आया था। इसमें कोई राजनीति नहीं है। मैंने फेसबुक पर जो कुछ भी लिखा है, उस पर विश्वास करता हूं। जो चीजें मुझे अच्छी नहीं लगीं, उनके बारे में मैंने लिखा अब तक मैं बीजेपी में हूं।' कुणाल घोष के हवाले से भी यहीं कहा गया कि यह एक शिष्टाचार मुलाकात थी। टीएमसी में लौटने के मुकुल रॉय के फैसले के बारे में पूछे जाने पर राजीव बनर्जी ने कहा, 'यह उनका अपना फैसला है। मुझे कुछ नहीं कहना है।'
पश्चिम बंगाल सरकार में पूर्व मंत्री बनर्जी ने विधानसभा चुनावों से पहले भाजपा में शामिल होने के लिए टीएमसी छोड़ दी। राजीब बनर्जी उन पांच टीएमसी नेताओं में शामिल थे, जो इस साल जनवरी में नई दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के बाद भाजपा में शामिल हुए थे।
इस महीने की शुरुआत में भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई के प्रमुख दिलीप घोष की अध्यक्षता में पार्टी की एक महत्वपूर्ण बैठक में शामिल नहीं होने के बाद राजीव बनर्जी ने भी सुर्खियां बटोरीं। शमिक भट्टाचार्य और मुकुल रॉय उन अन्य नेताओं में शामिल थे, जिन्होंने बैठक में भाग नहीं लिया।
इस महीने की शुरुआत में फेसबुक पर राजीव बनर्जी द्वारा पोस्ट किए गए एक बयान को भी भाजपा के आलोचक के रूप में देखा जा रहा है। बनर्जी ने पोस्ट में कहा, 'लोग इसे पसंद नहीं लेंगे, अगर भारी लोकप्रिय समर्थन के साथ चुनी गई सरकार का विरोध करने के लिए दिल्ली और अनुच्छेद 356 [राष्ट्रपति शासन] की धमकियों का इस्तेमाल किया जाता है। हमें राजनीति से ऊपर उठना चाहिए और खड़े रहना चाहिए बंगाल के लोगों के साथ, जो कोविड और यास से तबाह हो गए हैं।'
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