करोली हिंसा में पीड़ित परिवारों से मिलने के लिए भारतीय जनता युवा मोर्चा के कार्यकर्ता अपने अध्यक्ष तेजस्वी सूर्या की अगुवाई में करौली की सीमा पर पहुंचे। लेकिन अब वो राजस्थान बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया और स्थानीय सांसद के साथ हिरासत में हैं। कई महिला कार्यकर्ताओं को भी हिरासत में लिया गया है। बता दें करौली सीमा पर जब राजस्थान पुलिस ने जब रोका तो बहस हुई और तेजस्वी सूर्या की अगुवाई में कार्यकर्ता धरने पर बैठ गए थे।करौली बार्डर पर पुलिस का भारी बंदोबस्त किया गया है। बॉर्डर पर करीब 500 पुलिसकर्मी तैनात हैं और लोगों को तलाशी ली जा रही है। सूर्या के नेतृत्व में भाजपा का यह शिष्टमंडल करौली जाने पर अड़ा हुआ है।
करौली जाने की अनुमति दे राजस्थान पुलिस
पुलिस की इस कार्रवाई पर तेजस्वी सूर्या ने कहा कि हमारी मांग है कि गहलोत सरकार भाजपा युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं को करौली जाने की अनुमति दे।पुलिस हमें 40 किलोमीटर पहले रोकने का प्रयास कर रही है। मैं सीएम गहलोत सरकार को चुनौती दे रहा हूं कि वे हमें रोककर दिखाएं। यह तानाशाही सरकार है। करौली जाना हमारा संवैधानिक अधिकार है लेकिन राज्य सरकार हमारे हक को छीन रही है। युवा मोर्चा ने तय किया है कि वह किसी भी कीमत पर करौली जाएगा। उन्होंने कहा कि राजस्थान में जंगलराज है।
मुख्य आरोपी पुलिस की गिरफ्त से बाहर
राजस्थान के करौली शहर में हुई आगजनी और हिंसा की घटनाओं के बारे में टाइम्स नाउ नवभारत ने जब करौली के एसएचओ रामेश्वर दयाल को ट्रैक किया तो सवालों का जवाब देने के बजाय भाग निकले। जब पूछा गया कि घटना स्थल पर आप थे और दंगाइयों को रोकने की कोशिश क्यों नहीं की इस उन्होंने कहा कि हम मौके पर थे और उनको रोका भी था। लेकिन वे कुछ भी बताने को तैयार नहीं हुए। रिपोर्टर ने बताया कि उसने पहले अधिकारियों से बात करनी चाही लेकिन सब ने मौन साधा लिया। SHO घटनास्थल पर चुपचाप खड़े रहे थे, दंगाई दंगा कर रहे थे। करौली जिले की पुलिस कुछ भी बताने को तैयार नहीं है। पुलिस ने अब तक 23 उपद्रवियों को गिरफ्तार किया है और मामले की जांच जारी है।
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