Drone attack: 2 भारतीय नागरिकों के पार्थिव शरीर अमृतसर पहुंचे, अबू धाबी में ड्रोन हमले में हुई मौत

Amritsar News : गत 17 जनवरी को आबूधाबी के एयरपोर्ट के समीप हुए ड्रोन हमले में अमृतसर के बाबा बकाला निवासी हरदीप सिंह एवं मोगा के मथोके गांव के रहने वाले हरदेव सिंह की मौत हो गई।

Bodies of two Indians who lost their lives in the Abu Dhabi fire incident on January 17 reach Amritsar, Punjab
अबू धाबी में ड्रोन हमले में दो नागरिकों की मौत हुई।  |  तस्वीर साभार: ANI
मुख्य बातें
  • गत 17 जनवरी को अबू धाबी एयरपोर्ट पर हुए ड्रोन से हमले
  • इन हमलों में दो भारतीय और एक पाक नागरिक की मौत हुई
  • दोनों नागरिक पंजाब के रहने वाले थे, आज शव अमृतसर पहुंचे

नई दिल्ली : आबू धाबी में गत 17 जनवरी को आतंकियों के ड्रोन हमले में मारे गए दो भारतीय नागरिकों हरदीप एवं हरदेव के पार्थिव शरीर शुक्रवार को अमृतसर एयरपोर्ट पर पहुंचे। ड्रोन हमले में दो भारतीय एवं पाकिस्तानी नागरिक की मौत हुई। हरदीप एवं हरदेव की मौत के बाद दोनों परिवार सदमें में हैं। पीड़ित परिवार ने सरकार से सहायता देने की मांग की है। दोनों रोजी-रोटी कमाने के लिए खाड़ी के इस देश गए थे।  

तेल का टैंकर चलाते थे हरदीप सिंह 
गत 17 जनवरी को आबूधाबी के एयरपोर्ट के समीप हुए ड्रोन हमले में अमृतसर के बाबा बकाला निवासी हरदीप सिंह एवं मोगा के मथोके गांव के रहने वाले हरदेव सिंह की मौत हो गई। चार साल पहले रोजी-रोटी की तलाश में अरब देश गए हरदीप सिंह आबूधाबी में तेल का टैंकर चलाते थे। गत अप्रैल महीने में उनकी शादी हुई थी। वह अक्टूबर महीने में वापस आबूधाबी चले गए थे। हरदीप सिंह अपनी माता का इकलौता सहारा था। 

मोगा के रहने वाले थे हरदेव सिंह
वहीं, इस आतंकी हमले में मरने वाले दूसरे भारतीय नागरिक हरदेव सिंह (35) मोगा के रहने वाले थे। वह बीते 15 साल से अरब में काम कर रहे थे। हरदेव  शादीशुदा थे। उनके एक रिश्तेदार ने बताया को हरदेव के छोटे-छोटे बच्चे हैं। मां-बाप भी बजुर्ग हैं। सरकार को उनकी सहायता करनी चाहिए।

अबू धाबी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर ड्रोन से हमला, दो भारतीय और एक पाकिस्तानी की मौत, हूती विद्रोहियों ने ली हमले की जिम्मेदारी

हूती विद्रोहियों ने हमले की जिम्मेदारी ली
हमले पर यूएई के राजदूत ने गत बुधवार को कहा कि अबूधाबी को निशाना बनाकर किए गए घातक हमले में यमन के हूती विद्रोहियों ने ड्रोन के साथ मिसाइलों का भी इस्तेमाल किया। राजदूत यूसुफ अल-ओतैबा के इस बयान से इस बात की आधिकारिक पुष्टि होती है कि हमले में ड्रोन के अलावा मिसाइलों का भी इस्तेमाल किया गया था, जिसकी जिम्मेदारी ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों ने ली है। हालांकि, राजदूत ने इस बारे में विस्तृत जानकारी नहीं दी कि कितनी मिसाइल यूएई की तरफ दागी गईं और कितनी मार गिराई गईं?

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