Rajasthan: पिता ने कन्यादान में दिए 75 लाख, बेटी ने गर्ल्स हॉस्टल निर्माण के लिए कर दिए दान

देश
भंवर पुष्पेंद्र
Updated Nov 27, 2021 | 10:52 IST

Anjali Kanwar News: राजस्थान के बाड़मेर की रहने वाली अंजलि कंवर ने अपनी शादी में एक मिसाल पेश की है। विदाई से पहले अंजलि ने कन्यदान की रकम को गर्ल्स हॉस्टल को दान करने का फैसला किया।

Rajasthan Bride Asks Her Father to Donate Rs 75 Lakh Saved For Dowry to Build Girls’ Hostel
पिता ने कन्यादान में दिए 75 लाख, बेटी ने कर दिए दान 
मुख्य बातें
  • शादी में पिता से बेटी ने दहेज में की गर्ल्स हॉस्टल की मांग
  • पिता ने दिए 75 लाख तो बेटी ने हॉस्टल निर्माण के लिए दे दिए दान
  • राजस्थान के बाड़मेर का है मामला, जमकर हो रही है अंजलि के कदम की तारीफ

बाड़मेर: सरहदी बाड़मेर की एक शादी देश भर में सुर्खियां बटोर रही है और इन सुर्खियों की वजह है शादी में वधु को मिले कन्यादान की राशि को गर्ल्स हॉस्टल के लिए दान दे देना। बाड़मेर की अंजलि कँवर ने पिता द्वारा कन्यादान में दिए 75 लाख रुपए गर्ल्स हॉस्टल को दान देकर मिशाल पेश की है। इस गर्ल्स हॉस्टल के निर्माण के लिए अंजलि कँवर के पिता किशोर सिंह कानोड़ पहले ही 1 करोड़ रुपए का दान कर चुके है। अंजलि के इस कदम के चर्चे हर तरफ है।

पिता ने दिया बखूबी से साथ

बाड़मेर की रहने वाली अंजलि ने बचपन में ही पढ़ लिखकर अपने पैरों पर खड़ा होने की ठान ली थी. पिता किशोर सिंह कानोड़ ने हर कदम पर उसका बखूबी साथ दिया और पढ़ाया। बारहवीं के बाद अंजलि की पढ़ाई को लेकर लोगों ने उसके पिता को ताने देने शुरू कर दिए। कहने लगे कि बेटी को पढ़ाकर आईएएस या आरएएस बना दोगे। लोगों की ऐसी बातें अंजलि को मन ही मन कचोट रही थी लेकिन पढ़ने की जिद नहीं छोड़ी और स्नातक तक की पढ़ाई पूरी कर ली। बीते दिनों अंजलि पुत्री किशोरसिंह कानोड़ की शादी प्रवीणसिंह पुत्र मदनसिंह भाटी रणधा के साथ बाड़मेर में हुई।

पेश की मिसाल

शादी की रस्में निभाई गई विदाई से पहले अंजलि कंवर ने एक पत्र महंत प्रतापपुरी महाराज को दिया। इसमें शादी में दहेज नहीं लेकर बेटियों के लिए छात्रावास निर्माण की बात लिखी थी। महंत प्रतापपुरी ने समाज के लोगों की मौजूदगी में अंजलि कंवर की भावनाएं प्रकट की तो तालियों की गड़गड़ाहट के साथ स्वागत किया गया। अंजली कंवर के मुताबिक वह पढ़ना चाहती थी और परिवार भी उसके साथ खड़ा था,लेकिन समाज के लोग हौंसला बढ़ाने की बजाय तोड़ने का काम कर रहे थे। उसे पढ़ाई से ज्यादा इस बात की हमेशा पीड़ा रहती थी कि वह तो पढ़ जाएगी लेकिन समाज की दूसरी बहनें इस माहौल में कैसे पढ़ाई करेगी?  इसलिए पढ़ाई के दौरान ही निर्णय कर लिया था कि शादी में दहेज न लेकर अनूठी पहल करूंगी। इस बारे में पहले परिवार में किसी को नहीं बताया। शादी से पहले पिता किशोरसिंह के सामने बात रखी तो उन्होंने बिना सोचे व समझे ही हां भर दी। 

अंजलि के ससुर ने भी की तारीफ

आपको बता दे कि एनएच 68 पर राजपूत छात्रावास परिसर में बालिका छात्रावास निर्माण के लिए समाजसेवी किशोरसिंह ने एक करोड़ रुपए की घोषणा कर रखी है लेकिन छात्रावास को पूरा करने के लिए 50 से 75 लाख रुपए की और जरूरत है। इस अधूरे काम को अंजलि दहेज में दी राशि से पूरा करवाएगी। अंजलि के दादा ससुर कैप्टन हीरसिंह भाटी के मुताबिक अंजलि की सोच ने आज एक मिशाल पेश की है।

एक तरफ जहां बाड़मेर जैसलमेर की बेटियो के शैक्षणिक पिछड़ेपन की वजह से बरसो तक देश भर में बदनाम रहा उसी बाड़मेर में अंजलि का यह कदम मील का पत्थर साबित होगा उन बेटियो के लिए जो पढ़ लिखकर अपना और अपने देश का नाम रोशन करने का जज्बा रखती है, लेकिन तंगहाली उनके पैरों में अभावो की बेड़िया डाले हुए है।

Times Now Navbharat पर पढ़ें India News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।

अगली खबर