बेंगलुरु: कर्नाटक (Karnataka) के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा (BS Yediyurappa) ने मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया है। अपनी सरकार के 2 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान उन्होने कहा कि मैंने इस्तीफा देने का फैसला किया है। मैं दोपहर के भोजन के बाद राज्यपाल से मिलूंगा और अपना त्यागपत्र सौंपूंगा। आज ही बी.एस. येदियुरप्पा ने नेतृत्व में कर्नाटक में बीजेपी की सरकार को दो साल पूरे हुए हैं। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि बीजेपी किसे राज्य की कमान सौंपती है।
अग्निपरीक्षा से गुजरे
कार्यक्रम के दौरान अपने इस्तीफे का ऐलान करते हुए येदियुरप्पा ने कहा कि वह हमेशा से ही अग्निपरीक्षा से गुजरे हैं और उन्हें कर्नाटक के लोगों के लिए बहुत काम करना है। उन्होंने हाल के चुनाव की बात करते हुए कहा कि बीजेपी सक्षम तो थी लेकिन उसे पूर्ण बहुमत नहीं मिला। येदियुरप्पा ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि अगले चुनाव में बीजेपी पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में आएगी।
लोगों का विश्वास हासिल करने की जरूरत
उन्होंने कहा कि दो महीने तक केंद्र ने उन्हें कैबिनेट बनाने की अनुमति नहीं दी गई क्योंकि उस दौरान राज्य भी बाढ़ की चपेट में था। येदियुरप्पा ने कहा कि उन्होंने कई तरह की चुनौतियों का सामने किया और आने वाले समय में भी वह राज्य के विकास के लिए प्रयास करते रहेंगे। येदियुरप्पा ने कहा, 'लोगों का अधिकारियों और निर्वाचित प्रतिनिधियों पर से विश्वास उठ रहा है, हमें लोगों का विश्वास फिर से हासिल करने की दिशा में प्रयास करने की जरूरत है।'
कौन है दावेदार
आईएएन के मुातबिक भाजपा के शीर्ष नेता पार्टी के मौजूदा राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) बी.एल. संतोष को कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा का उत्तराधिकारी माना जा रहा है। ब्राह्मण समुदाय से ताल्लुक रखने वाले संतोष, जो राज्य की आबादी का लगभग 2 प्रतिशत है, और जाति समीकरणों को संतुलित करने के लिए भाजपा के शीर्ष नेताओं ने चार उप मुख्यमंत्री फॉमूर्ले - लिंगायत, वोक्कालिगा, ओबीसी और एससी/एसटी - राज्य के सभी प्रमुख समुदायों को शांत करने के लिए के साथ सामने आए हैं।
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