TMC के आरोप पर BSF का जवाब, महिला अधिकारी ही करती हैं महिलाओं की चेकिंग

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गौरव श्रीवास्तव
गौरव श्रीवास्तव | कॉरेस्पोंडेंट
Updated Nov 26, 2021 | 16:27 IST

TMC के आरोपों के बाद कुछ पत्रकारों ने कूचबिहार (पश्चिम बंगाल) में भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा का दौरा किया और सीमावर्ती आबादी के साथ बातचीत की और जाना कि महिलाओं की जांच केवल महिला कांस्टेबल द्वारा की जाती है।

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TMC ने लगाए महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार के आरोप 

तृणमूल कांग्रेस (TMC) के विधायक उदयन गुहा के आरोपों का बीएसएफ ने जवाब दिया है। बीएसएफ ने पश्चिम बंगाल में बांग्लादेश सीमा से सटे गांवों की स्थानीय महिलाओं का वीडियो रिलीज किया है जिसमें वो अपने साथ किसी भी तरह की गलत हरकत होने की बात को नकार रही हैं। पश्चिम बंगाल विधानसभा में एक प्रस्ताव के दौरान विधायक उदयन गुहा ने आरोप लगाया था कि अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे गांवों में बीएसएफ के जवान महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार करते हैं। 

सत्ता पक्ष के विधायक द्वारा लगाए गए सनसनीखेज आरोपों के बाद बीएसएफ कुछ पत्रकारों को कूचबिहार जिले के उन गांवों में लेकर गई जो बांग्लादेश की सीमा पर बसे हैं। पत्रकारों को महिलाओं से रूबरू करवाया गया ताकि सच्चाई सामने आ सके। पत्रकारों ने महिलाओं से दुर्व्यवहार से लेकर पुरुष जवानों द्वारा महिलाओं की तलाशी लिए जाने से जुड़े सभी सवाल पूछे।

आइए आपको बताते हैं कि क्या जवाब रहा इन महिलाओं का:

रिपोर्टर- चेकिंग के दौरान चेकपोस्ट पर रुकने या यहां से गुजरने के दौरान आपको कोई दिक्कत महसूस होती है?

महिला- कोई दिक्कत नहीं है। यहां सब बढ़िया है। हमारे आने जाने का यही रास्ता है।

रिपोर्टर- मैं आप सबसे पूछना चाहता हूं कि आपकी चेकिंग पुरुष अधिकारी करते हैं या महिला अधिकारी?

महिला- हमेशा से महिला चेकिंग करती हैं। जब कोई महिला गुजरती है तब महिला अधिकारी ही चेकिंग करती है। 

रिपोर्टर- आपको बीएसएफ के लोगों की भाषा से दिक्कत होती है क्या? क्योंकि वो ज्यादातर हिंदी में बोलते हैं और बंगाली नहीं जानते हैं।

महिला- उससे भी कोई दिक्कत नहीं होती है। वो हमारी बात समझ जाते हैं।

रिपोर्टर- कुछ दिन पहले ये सुनने में आया कि पुरूष जवानों ने महिलाओं की तलाशी ली? आपने ऐसा कुछ ऐसा देखा क्या?

महिला- नहीं नहीं, ये झूठ है।

रिपोर्टर- अधिकारी आपके साथ कैसा बर्ताव करते हैं?

महिला का जवाब- वो सज्जनता से पेश आते हैं। सब बढ़िया है। 

कुछ महीने पहले ही कई राज्यों की तरह पश्चिम बंगाल में भी बीएसएफ का क्षेत्राधिकार 15 किलोमीटर से बढ़ाकर 50 किलोमीटर कर दिया गया। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इसको लेकर प्रधानमंत्री से मुलाकात भी कर चुकी हैं। इसके बाद ममता ने इस फैसले को संघीय ढांचे पर हमला बताया था।

हालांकि बीएसएफ ने बार-बार आरोपों को नकारते हुए हुए कहा कि बीएसएफ एक प्रोफेशनल फोर्स है। उसका काम देश की अंतरराष्ट्रीय सीमाओं पर निगरानी रखते हुए देश को सुरक्षित रखना है।

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