नई दिल्ली/ Citizenship Amendment Act (CAA) Protests in Northeast, Delhi UPDATES: नागरिकता संशोधन कानून के ऊपर देश के अलग अलग हिस्सों में बवाल हो रहा है। रविवार को दिल्ली के जामिया विश्वविद्यालय इलाके में असमाजिक तत्वों ने आगजनी की। लेकिन अब वहां के हालात सामान्य हैं। ऐहतियात के तौर पर दक्षिण दिल्ली के प्रभावित स्कूलों को बंद किया गया। इस प्रदर्शन से मेट्रो भी प्रभावित हुई, हालांकि सोमवार शाम को DMRC ने कहा कि सभी स्टेशनों पर प्रवेश और निकास द्वार खोल दिए गए हैं। सभी स्टेशनों में सामान्य सेवाएं फिर से शुरू हो गई हैं।
अतिरिक्त DGP लॉ एंड ऑर्डर असम, जीपी सिंह ने कहा, 'गुवाहाटी में स्थिति में काफी सुधार हुआ है, कर्फ्यू पूरी तरह से कल सुबह 6 बजे (17 दिसंबर) से हटा लिया जाएगा। कल से असम में ब्रॉडबैंड इंटरनेट कनेक्शन भी बहाल हो जाएगा।'
हेमंत बिस्वा ने भी कहा, 'असम सरकार ने मंगलवार 17 दिसंबर 2019 से रात के कर्फ्यू सहित पूरी तरह से कर्फ्यू हटाने का फैसला किया है। ब्रॉडबैंड इंटरनेट कनेक्टिविटी भी कल से बहाल हो जाएगी।'
उत्तर प्रदेश के मऊ से भी हिंसा की खबरें सामने आई हैं। जिले के दक्षिण टोला थाना क्षेत्र के मिर्जा हाजीपुरा चौक पर प्रदर्शनकारियों ने उग्र प्रदर्शन किया। हालात काबू में करने के लिए पुलिस को आंसू गैस और हवाई फायरिंग का सहारा लेना पड़ा। खबरों के मुताबिक प्रदर्शनकारियों ने पुलिस वाहन समेत कई गाड़ियां भी फूंक दी हैं। हालांकि पुलिस ने मुस्तैदी दिखाते हुए हालात को काबू में कर लिया।
यूनियन एचआरडी मिनिस्टर रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने कहा, 'मैं सभी छात्रों से अपील करता हूं कि वे हिंसा से दूर रहें और अपने परिसर में शांति बनाए रखें। अफवाहों पर ध्यान न दें। अब शांति, भाईचारे और सद्भाव को बढ़ावा देना आवश्यक है। हमें ऐसा कुछ नहीं करना चाहिए जो राष्ट्र के हित के खिलाफ हो।'
सूत्रों के अनुसार, देश के कुछ हिस्सों से हिंसा और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान की घटनाओं के मद्देनजर गृह मंत्रालय ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को एक एडवाइजरी जारी की है। इसमें कहा गया है कि हिंसा को रोकने और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक उपाय किए जाएं। राज्य सरकार और केंद्रशासित प्रदेशों से कानून-व्यवस्था, शांति और सार्वजनिक शांति बनाए रखने के लिए आवश्यक एहतियाती कदम उठाने का अनुरोध किया है। उनसे यह भी अनुरोध किया गया है कि वे हिंसा भड़काने की क्षमता रखने वाले सोशल मीडिया पर फर्जी समाचारों और अफवाहों के प्रसार के खिलाफ कार्रवाई करें।
दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (DMRC) ने जानकारी दी कि जामिया मिल्लिया इस्लामिया, पटेल चौक, केंद्रीय सचिवालय और उद्योग भवन के प्रवेश और निकास द्वार बंद हैं। इन मेट्रो स्टेशनों पर ट्रेनों को नहीं रोका जाएगा। लोक कल्याण मार्ग और जनपथ मेट्रो स्टेशनों के भी प्रवेश एवं निकास द्वार बंद किए गए।
पीएम मोदी ने संवाद की अपील की
नागरिकता संशोधन कानून पर देश के अलग अलग हिस्सों में हिंसा पर पीएम नरेंद्र मोदी ने चिंता जताते हुए कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है। अगर किसी भी मुद्दे पर असहमति है तो उसे दूर करने के लिए संवाद एक बेहतर माध्यम है और हर किसी को उसी तरह से गुजरना चाहिए। नागरिकता संशोधन विधेयक को संसद के दोनों सदनों ने पारित किया। ज्यादातर सांसदों ने बिल का समर्थन किया। इस कानून में भारत की प्राचीन संस्कृति की झलक है जिसमें हम लोगों ने समरसता,दयाभाव, भाईचारे और स्वीकार करने की परंपरा को जगह दी है। वो हर किसी को यह भरोसा देते हैं कि किसी भी भारतीय नागरिक को डरने की जरूरत नहीं है। यह कानून सिर्फ उन लोगों के लिए जो धार्मिक प्रताणना की वजह से भारत आए।
कांग्रेस ने केंद्र सरकार को घेरा
कांग्रेस के कद्दावर नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि वो इस बात का खंडन करते हैं कि देश में जो कुछ हो रहा है उसके लिए सरकार की नीति जिम्मेदार है। अगर भारत सरकार की तरफ इस बिल को नहीं लाया गया होता तो जो भी कुछ हो रहा है नहीं होता। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के लाइब्रेरी में जो कुछ हुआ उसके लिए केंद्र सरकार ही पूरी तरह जिम्मेदार है।
सड़क पर उतरीं ममता बनर्जी
नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी सड़क पर हैं। उन्होंने इस कानून के खिलाफ पैदल मार्च किया। इसके साथ ही दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि वो राज्य की बिगड़ती कानून व्यवस्था से चिंतित हैं, हालात का सामान्य करना पहली प्राथमिकता है, उन्होंने इस संबंध में गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात के लिए समय मांगा है।
सोशल मीडिया के जरिए अफवाह
दिल्ली पुलिस की जांच में ये पाया गया है कि अफवाहों को व्हाट्सएप ग्रुप और सोशल मीडिया के जरिए प्रचारित किया गया। आठ से 10 ऐसे पोस्टर्स थे जिनके जरिए पहले से ही तनावपूर्ण माहौल को और भड़काने का काम किया गया। जामिया विश्वविद्यालय के चारों तरफ आवासीय इलाकों में अफवाह तेजी से फैली और बड़ी संख्या में स्थानीय लोगों की तरफ से पत्थरबाजी और आगजनी की गई। जिन लोगों ने इस तरह के संदेशों के जरिए माहौल को खराब करने की कोशिश की उनकी पहचान कर ली गई है। दिल्ली पुलिस आईटी एक्ट के तहत अलग से मुकदमा दर्ज करने की तैयारी कर रही है।
जामिया इलाके में बसों को जलाए जाने के संबंध में डीसीपी दक्षिण- पूर्व चिन्मय बिस्वाल ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह से गलत आरोप है कि पुलिसवालों ने बसों को जलाया था। हकीकत ये है कि पुलिसकर्मी स्थानीय लोगों से आग बुझाने के लिए पानी मांग रहे थे। जहां तक खास बस की बात है तो पुलिस ने आग लगने से उस बस को बचाया था। उन्होंने कहा कि वो जामिया के छात्रों से अपील करते हैं कि वो विश्वविद्यालय की छवि पर बट्टा न लगाएं। बता दें कि दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने एक फोटो ट्वीट करते हुए लिखा था कि बस में आग दिल्ली पुलिस के लोगों ने लगाई थी।
जामिया विश्वविद्यालय के छात्रों के खिलाफ पुलिसिया कार्रवाई के विरोध में हैदराबाद के मौलाना आजाद विश्वविद्यालय के छात्र प्रदर्शन कर रहे हैं। छात्रों का कहना है कि जिस तरह से जामिया में छात्रों को निशाना बनाया गया वो मानवाधिकारों के खिलाफ है।
लखनऊ के नदवा कॉलेज नें नागरिकता संशोधन कानून का विरोध हो रहा है, इन सबके बीच पत्थरबाजी भी हुई है। विरोध कर रहे लोगों का कहना है कि यह कानून भारत के संघीय ढांचे के खिलाफ है।लखनऊ के एसएसपी कलानिधि नैथानी ने कहा कि करीब 30 सेकेंड तक पत्थरबाजी हुई, करीब 150 लोगों ने विरोध में नारे लगाए। लेकिन अब हालात सामान्य है। नदवा कालेज के छात्र अपनी कक्षा में जा रहे हैं।
ईस्टर्न कमांड के ग्रुप कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान का कहना है कि पिछले तीन दिन में असम और त्रिपुरा में कई टुकड़ियों को तैनात किया गया है। मेघालय में कुछ टुकड़ी को रिजर्व रखा गया है।
सूत्रों के मुताबिक विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से अपील की है कि देश की मौजूदा हालात पर जानकारी के लिए बैठक बुलाई जाए। इस बीच नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ दायर 18 अर्जियों पर सुवनाई के लिए सुप्रीम कोर्ट तैयार हो गया है। इस बीच जामिया इलाके में रविवार की हिंसा पर गृहमंत्रालय की तरफ से किसी तरह की रिपोर्ट तलब नहीं की गई है। लेकिन होम मिनिस्ट्री इस विषय पर दिल्ली पुलिस से संपर्क है।
सुप्रीम कोर्ट में इस मुद्दे पर मंगलवार को सुनवाई होगी। इन सबके बीच सीजेआई एस ए बोबड़े ने कहा कि यह कोई मतलब नहीं है कि वो छात्र हैं तो कानून अपने हाथ में लेंगे। इस पर किसी तरह का फैसला तब लिया जाएगा जब हालात नियंत्रण में होगा। अदालत याचिकाकर्ताओं के दिमाग के हिसाब से फैसला नहीं कर सकता है। पहले हिंसा को बंद होने दीजिए।
इस मुद्दे पर इंदिरा जयसिंह ने कहा कि जामिया और अलीगढ़ विश्वविद्यालय के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट खुद संज्ञान ले। उनकी इस अपील पर सीजेआई ने कहा कि वो मामले की सुनवाई करने के लिए तैयार हैं। लेकिन जिस तरह से हिंसा हो रही है उसमें वो खुद संज्ञान नहीं ले सकते हैं, पहले हिंसा बंद होने दीजिए। अदालत किसी के अधिकारों के खिलाफ नहीं है, लेकिन धरना शांतिपूर्ण तरीके से होनी चाहिए।
जामिया मिलिया विश्वविद्यालय में हिंसा के संबंध में दिल्ली हाईकोर्ट से तत्काल दखल देने के लिए अर्जी लगाई गई और न्यायिक जांच की मांग की गई। याचिका में कहा गया है कि 52 लोगों को हिरासत में लिया गया है इसके साथ ही जो छात्र घायल हुए हैं उन्हें उचिच मेडिकल सुविधा और मुआवजा दिया जाना चाहिए। हालांकि दिल्ली हाईकोर्ट ने तुरंत सुनवाई करने से इंकार कर दिया। अदालत ने कहा कि आप रजिस्ट्री के जरिए अपील दायर करें।
ऐहतियात के तौर पर असम के 10 जिलों लखीमपुर, तिनसुकिया, धेमाजी, डिब्रूगढ़, चराईदेव, शिवसागर,जोरहाट, गोलाघाट, कामरूप मेट्रो, कामरूप में इंटरनेट सेवा पर पाबंदी अगले 24 घंटों के लिए बढ़ा दी गई है। असम पुलिस का कहना है कि हालात में तेजी से सुधार हुआ है और इसके लिए वो लोगों का धन्यवाद करती है। असम के लोगों ने कानून का पालन किया है। गुवाहाटी में दिन का कर्फ्यू सुबह 6 बजे से हटा लिया गया है, हालांकि रात में 9 बजे से लेकर सुबह 6 बजे तक कर्फ्यू जारी रहेगा।
जामिया मिलिया विश्वविद्यालय को पांच जनवरी तक बंद कर दिया गया है, अब छात्र अपने अपने घरों को रवाना होने शुरू गए हैं। इन सबके बीच कुछ छात्र विश्वविद्यालय के गेट पर प्रदर्शन कर रहे हैं। इन सबके बीच उत्तर प्रदेश के 6 जिलों में धारा 144 लागू है। ऐहतियायत के तौर पर सहारनपुर, अलीगढ़ और मेरठ में इंटरनेट बंद कर दिया गया है।
रविवार को आगजनी और हिंसा के बीच दिल्ली मेट्रो के कुछ एंट्री और एग्जिट गेट को बंद कर दिया गया था। लेकिन सोमवार सुबह से सामान्य सेवा बहाल हो गई है। जिन मेट्रो स्टेशन की एंट्री और एग्जिट को बंद किया गया था अब यात्रियों के लिए उन्हें खोल दिया गया है।
नागरिकता संशोधन कानून पर विरोध के चलते नॉर्थ इस्टर्न फ्रंटियर रेलवे के कटिहार डिविजन में कुछ ट्रेनों को आज निरस्त कर दिया गया है। 12042 डाउन न्यू जलपागुड़ी हावड़ा शताब्दी एक्सप्रेस और 12041 हावड़ा- न्यू जलपाईगुड़ी ट्रेनें आज नहीं चलेंगी।
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