CAB: संसद से पास हुआ नागरिकता संशोधन विधेयक, कांग्रेस मामले को ले जाएगी कोर्ट में!

देश
Updated Dec 11, 2019 | 22:14 IST | टाइम्स नाउ डिजिटल

Congress on CAB: नागरिकता संशोधन बिल संसद के दोनों सदनों से पारित हो गया है, वहीं इस मामले पर कांग्रेस का रुख विरोध में है और सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस मामले को कोर्ट में ले जा सकती है। 

 CAB: संसद से पास हुआ नागरिकता संशोधन विधेयक, कांग्रेस मामले को ले जाएगी कोर्ट में!
कांग्रेस पार्टी इस मामले को अदालत में ले जाने की बात कह रही है 
मुख्य बातें
  • नागरिकता संशोधन बिल यानि CAB राज्यसभा से बिल पारित हो गया है
  • कांग्रेस का रुख इसको लेकर खासा विरोध में है और वो मामले को कोर्ट ले जा सकती है
  • कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी ने इसे  भारतीय संविधान का 'काला दिन' बता डाला है

नई दिल्ली:नागरिकता संशोधन बिल यानि CAB पर मोदी सरकार को उस वक्त बड़ी कामयाबी मिली जब राज्यसभा से बिल पारित हो गया, सत्ता पक्ष इसको सरकारा की बड़ी कामयाबी बता रहा है तो वहीं विपक्षी दल खासतौर पर कांग्रेस का रुख इसको लेकर खासा विरोध में है, कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी ने तो इसको लेकर कड़ी नाराजगी लेटर जारी करके जता भी दी है। 

वहीं मीडिया सूत्रों की मानें तो कैब पर सरकार की जीस से तिलमिलाई कांग्रेस पार्टी इस मामले को अदालत में ले जाने की बात कह रही है। बताया जा रहा है कि कांग्रेस पार्टी का मानना है कि इस बिल को लेकर उन्हें कोर्ट से राहत मिल सकती है। 

नागरिकता संशोधन बिल के पारित होते ही कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी ने इसे  भारतीय संविधान का 'काला दिन' बता डाला है। सोनिया ने इस मामले पर जमकर अपनी भड़ास निकाली है। सोनिया गांधी ने कहा कि ये संकीर्ण विचारधारा की जीत है।

 

बिल के पक्ष में 125 और विरोध में 105 वोट पड़े। बिल पर लंबी बहस हुई, जिसके बाद गृह मंत्री अमित शाह ने बहस पर जवाब दिया। उन्होंने कहा कि यह विधेयक नागरिकता प्रदान करने के लिए है, किसी की नागरिकता लेने के लिए नहीं। देश के मुसलमानों को बिल्कुल भी डरने की जरूरत नहीं है।यह विधेयक किसी की भावनाओं को आहत करने या किसी भी समुदाय के लोगों को परेशान करने वाला नहीं है। जो लोग चिंतित हैं कि इस देश के अल्पसंख्यकों के साथ अन्याय होगा, ऐसा नहीं होगा।

इस बिल में अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से धार्मिक प्रताड़ना के कारण भारत आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों के लोगों को भारतीय नागरिकता प्रदान करने का प्रावधान है। 

बिल को सलेक्ट कमेटी को भेजने का विपक्ष का प्रस्ताव खारिज हो गया। सलेक्ट कमेटी को भेजने के पक्ष में 99 और न भेजने के पक्ष में 124 मत पड़े। शिवसेना ने भी राज्यसभा से वॉकआउट किया। शिवसेना के 3 सांसदों ने वोटिंग से खुद को दूर किया।

वहीं इस बिल पर कांग्रेस के गुलाम नबी आजाद ने कहा था, 'भूटान को बिल में क्यों नहीं जोड़ा गया है। श्रीलंका के हिंदू क्यों शामिल नहीं है? सिर्फ 3 देशों को ही इस बिल में क्यों जोड़ा गया? मुसलमानों पर भी अत्याचार होता है। अगर बिल सबको मंजूर है तो ये विरोध-प्रदर्शन क्यों हो रहा है? पूर्वोत्तर के राज्य जल रहे हैं और आप कह रहे हैं कि देश खुश है।

 

 

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