Bhabanipur byelection: 30 सितंबर को ही होगा भवानीपुर सीट पर उप चुनाव, कलकत्ता HC का फैसला

Bhabanipur Byelections 2021 : भवानीपुर में 27 सितंबर को चुनाव प्रचार का आखिरी दिन था। यहां चुनाव प्रचार के अंतिम दिन भाजपा (BJP) और टीएमसी (TMC) कार्यकर्ता आमने-सामने आ गए।

Calcutta High Court may announce its verdict on Bhabanipur bypoll seat today
भवानीपुर सीट उप चुनाव पर हाई कोर्ट आज सुना सकता है फैसला।  |  तस्वीर साभार: PTI
मुख्य बातें
  • भवानीपुर सीट पर उपचुनाव कराए जाने के खिलाफ दायर की गई है जनहित याचिका
  • कलकत्ता HC ने कहा है कि तय कार्यक्रम के अनुसार ही होगा भवानीपुर सीट पर उप चुनाव
  • चुनाव प्रचार के आखिरी दिन 27 सितंबर को भवानीपुर में भाजपा-टीएमसी में हुई भिड़ंत

कोलकाता : कलकत्ता हाई कोर्ट ने कहा है कि भवानीपुर सीट पर उप चुनाव अपने तय कार्यक्रम के अनुसार 30 सितंबर को ही होगा। हालांकि, कोर्ट ने मुख्य सचिव के आचरण पर तीखी प्रतिक्रिया दी। मुख्य सचिव ने चुनाव आयोग को भवानीपुर सीट पर तत्काल उप चुनाव कराने को लेकर पत्र लिखा था। याचिकाकर्ता सायन बनर्जी ने अपनी अर्जी में कहा था कि मुख्य सचिव का पत्र संविधान के प्रावधानों का खुला उल्लंघन है। भवानीपुर सीट उप चुनाव के नतीजे 3 अक्टूबर को आएंगे। इस सीट पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का मुकाबला भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की उम्मीदवार प्रियंका टिबरेवाल से है।

चुनाव प्रचार के आखिरी दिन भवानीपुर में हिंसा

भवानीपुर में 27 सितंबर को चुनाव प्रचार का आखिरी दिन था। यहां चुनाव प्रचार के अंतिम दिन भाजपा और टीएमसी कार्यकर्ता आमने-सामने आ गए। चुनाव प्रचार करने पहुंचे भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष को लोगों ने चारों तरफ से घेर लिया। घोष का आरोप है कि टीएमसी के कार्यकर्ताओं ने उन पर और पार्टी कार्यकर्ताओं पर हमला किया। भाजपा नेता का आरोप है कि टीएमसी में भवानीपुर में हिंसा कर लोगों को डराना चाहती है। उन्होंने कहा कि जब बड़े नेताओं की सुरक्षा नहीं हो पा रही है, तो आम लोग खुद को कैसे सुरक्षित महसूस करेंगे। 

भाजपा ने उप चुनाव टालने की मांग की

भाजपा ने कानून-व्यवस्था का हवाला देकर भवानीपुर सीट पर उपचुनाव टालने की मांग की है। दिलीप घोष ने कहा कि चुनाव आयोग को जब यह लगे कि वह उम्मीदवारों को सुरक्षा दे पाएगा तभी उप चुनाव कराना चाहिए। आयोग का कहना है कि भवानीपुर सीट पर चुनाव कराना संवैधानिक जरूरत है क्योंकि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अभी विधानसभा सदस्य नहीं हैं। इसलिए उन्हें चुनाव लड़ना और जीतना जरूरी है। इससे पहले कोर्ट ने गत शुक्रवार को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।

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