MQ-9 रीपर ड्रोन: बिना पायलट उड़ने वाला खतरनाक शिकारी, जिसने ईरानी कमांडर पर ढाया कहर

देश
प्रभाष रावत
Updated Jan 04, 2020 | 16:38 IST

MQ-9 reaper / Predator B drone: अमेरिका ने अपने हमलावर ड्रोन से ईरानी कमांडर कासिम सुलेमानी को मौत के घाट उतार दिया। भारत को भी अमेरिका ने ऐसे अटैक ड्रोन बेंचने की मंजूरी दी है। जानें इस हथियार की खासियतें।

General Atomics MQ-9 Reaper Predator B drone
अमेरिका का MQ-9 reaper ड्रोन  |  तस्वीर साभार: YouTube
मुख्य बातें
  • बेहद आधुनिक तकनीक और हथियारों से लैस है अमेरिका का MQ-9 रीपर ड्रोन
  • कई तरह के मिशन को अंजाम देने में सक्षम, जमीन पर मौजूद ऑपरेटर देता है निर्देश
  • अमेरिका ने बगदाद एयरपोर्ट पर रीपर ड्रोन से ईरानी कमांडर पर की एयर स्ट्राइक
  • भारतीय सेनाओं को भी मिल सकते हैं ऐसे हमलावर ड्रोन, अमेरिका दे चुका है बेचने की मंजूरी

नई दिल्ली: किसी खतरे से अंजान ईरान का सबसे शक्तिशाली सैन्य कमांडर और खुफिया प्रमुख मेजर जनरल कासिम सुलेमानी इराक के बगदाद एयरपोर्ट पर पहुंचा लेकिन यहां किसी को अंदाजा नहीं था कि हजारों फीट की ऊंचाई पर उड़ रहा एक खतरनाक शिकारी सुलेमानी के काफिले पर हमला करने वाला है। आसमान से अधिकारियों के काफिले पर विस्फोटक गिरे और ईरानी कमांडर अपनी जान से हाथ धो बैठा।

घात लगाकर हमला करने वाले अमेरिका के इस शिकारी का नाम है- एमक्यू-9 रीपर (MQ-9 Reaper) जिसे प्रिडेटर-बी (Predator B) के नाम से भी जाना जाता है। बिना पायलट हवा में उड़ने वाला ऐसा हथियार जो आदेश मिलते ही आसमान से आग बरसा सकता है।

एमक्यू-9 रीपर अमेरिका का बेहद शक्तिशाली और आधुनिक तकनीक से लैस ड्रोन है जो इराक से पहले अफगानिस्तान और पाकिस्तान में आतंकियों पर भी कहर बरपा चुका है। एमक्यू-9 बिना पायलट के आसमान में उड़ने वाले हमलवार विमान की तरह होता है जिसे जमीन पर मौजूद सैन्य अड्डे से कंट्रोल किया जाता है। इसमें लगे अच्छी गुणवत्ता के कैमरे और रडार जमीनी स्टेशन तक जानकारियां भेजते हैं और कमांड मिलते ही इसमें लगी मिसाइलें और बम निशाने पर टूट पड़ते हैं।

क्या कर सकता है एमक्यू-9 रीपर ड्रोन:

MQ-9 Reaper predator B drone

  1. एमक्यू-9 करीब 1850 किलोमीटर के दायरे में मिशन को अंजाम दे सकता है। यह ड्रोन घंटों तक उड़ान भरकर निगरानी कर सकता है और खुफिया जानकारी इकट्ठा कर सकता है।
  2. साथ ही यह हथियार हमला करने में भी सक्षम है, जरूरत पड़ने पर इसमें लगी मिसाइलें और बम जमीनी निशाने को तबाह कर सकते हैं। आधुनिक लेजर तकनीक और मिसाइल सेंसर की मदद से रीपर ड्रोन निशाने पर बेहद सटीक हमला करता है।
  3. एमक्यू -9 रीपर को दुनिया भर में तैनाती के लिए एक कंटेनर में रखकर कहीं भी ले जाया जा सकता है। पूरे सिस्टम को सी -130 हरक्यूलिस या अन्य बड़े मालवाहक विमानों की मदद से कहीं भी ले जाया जा सकता है।
  4. MQ-9 रीपर की मल्टी-स्पेक्ट्रल टारगेटिंग सिस्टम से लैस होता है और इसमें कई तरह के सेंसर और उपकरण लगे होते हैं। जैसे- एक एमटीएस-बी इंफ्रारेड सेंसर, कलर / मोनोक्रोम डेलाइट टीवी कैमरा, इमेज-इंटेंसिफाइड टीवी कैमरा, लेजर रेंज फाइंडर / डिजाइनर और लेजर इल्लुमिनेटर। इन उपकरणों की मदद से जमीन पर मौजूद इस ड्रोन का ऑपरेटर सबकुछ देख सकता है और हमला करने का निर्देश भी दे सकता है।
  5. रीपर ड्रोन- खुफिया जानकारी इकट्ठा करना, निगरानी, ​​टोह लेना, जमीनी सैन्य टुकड़ियों की मदद के लिए हमला करना, बचाव अभियान, सटीक एयर स्ट्राइक, काफिले या जमीन पर चल रहे अन्य किसी लक्ष्य पर नजर रखने जैसे कई तरह के ऑपरेशन कर सकता है।

अमेरिका ने भारत को भी हमलावर ड्रोन बेचने की मंजूरी दी है। इस ड्रोन का नाम है- प्रिडेटर गार्डियन ड्रोन। यह रीपर ड्रोन जैसी ही तकनीक और खासियतों से लैस ड्रोन है। आतंकवादियों पर कार्रवाई और सटीक एयर स्ट्राइक जैसे मिशनों में यह ड्रोन भारतीय सेनाओं के लिए गेम चेंजर साबित हो सकता है।

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