अब 5 साल तक का हो सकता है CBI, ED के निदेशकों का कार्यकाल, 2 अध्यादेश जारी

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Updated Nov 15, 2021 | 06:59 IST

CBI, ED chiefs tenure : उच्चतम न्यायालय ने कहा था कि सेवानिवृत्ति की आयु प्राप्त करने वाले अधिकारियों के कार्यकाल का विस्तार केवल दुर्लभ और असाधारण मामलों में और छोटी अवधि के लिए दिया जाना चाहिए।

 CBI, ED chiefs can now be in office for up to five years
अब 5 साल तक का हो सकता है CBI। 
मुख्य बातें
  • अब अधिकतम पांच साल तक हो सकता है सीबीआई-ईडी प्रमुखों का कार्यकाल
  • सरकार ने कार्यकाल बढ़ाने वाले अध्यादेश रविवार को जारी किया
  • विपक्ष ने पूछा-इसके लिए सरकार ने शीतकालीन सत्र का इंतजार क्यों नहीं किया

नई दिल्ली : केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के निदेशकों का कार्यकाल मौजूदा दो वर्ष से अब अधिकतम पांच साल तक हो सकता है। सरकार ने रविवार को इस संबंध में दो अध्यादेश जारी किये। अध्यादेशों के मुताबिक दोनों ही मामलों में, निदेशकों को उनकी नियुक्तियों के लिए गठित समितियों द्वारा मंजूरी के बाद तीन साल के लिए एक-एक साल का विस्तार दिया जा सकता है। इस कदम पर विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा और पूछा कि वह संसद सत्र तक इंतजार क्यों नहीं कर सकती। 

'छोटी अवधि के लिए दिया जाना चाहिए विस्तार'

इससे पूर्व, उच्चतम न्यायालय ने कहा था कि सेवानिवृत्ति की आयु प्राप्त करने वाले अधिकारियों के कार्यकाल का विस्तार केवल दुर्लभ और असाधारण मामलों में और छोटी अवधि के लिए दिया जाना चाहिए। शीर्ष अदालत ने यह बात प्रवर्तन निदेशालय के प्रमुख एसके मिश्रा को 2020 में दिए गए विस्तार से संबंधित मामले में कहा था। वर्ष 1984 बैच के भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) के अधिकारी मिश्रा 17 नवंबर को सेवानिवृत्त होने वाले हैं। अधिकारियों ने कहा कि हालांकि, अध्यादेश की घोषणा के साथ यह देखा जाना बाकी है कि मिश्रा ईडी प्रमुख के रूप में बने रहेंगे या नहीं।

विपक्ष ने पूछा शीतकालीन सत्र तक इंतजार क्यों नहीं

ईडी निदेशक की नियुक्ति केंद्रीय सतर्कता आयुक्त की अध्यक्षता वाली समिति की सिफारिश पर केंद्र सरकार करती है। इसके सदस्यों में सतर्कता आयुक्त, गृह सचिव, कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग के सचिव तथा राजस्व सचिव शामिल हैं। सीबीआई के निदेशक का चयन प्रधानमंत्री, प्रधान न्यायाधीश और लोकसभा में विपक्ष के नेता की एक समिति की सिफारिश के आधार पर होता है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा जारी अध्यादेश जो ‘एक बार में’लागू होता है। कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और वाम दलों ने सरकार पर संसद का मजाक उड़ाने का आरोप लगाया और उसकी मंशा पर सवाल खड़ा करते हुए पूछा कि उसने आगामी शीतकालीन सत्र का इंतजार क्यों नहीं किया।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने जारी किया अध्यादेश

विनीत नारायण के प्रसिद्ध मामले में उच्चतम न्यायालय के निर्देशों के मद्देनजर सीबीआई और ईडी के निदेशकों की नियुक्ति की तारीख से उनका दो साल का निश्चित कार्यकाल होता है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा जारी अध्यादेश में कहा गया है, ‘बशर्ते जिस अवधि के लिए प्रवर्तन निदेशालय के निदेशक अपनी प्रारंभिक नियुक्ति पर पद धारण करते हैं, उसे सार्वजनिक हित में, खंड (ए) के तहत समिति की सिफारिश पर तथा लिखित रूप में दर्ज किए जाने वाले कारणों के लिए, एक बार में एक वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है।’

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