नई दिल्ली। रायबरेली सड़क हादसे (Raebareli road accident) में सीबीआई(CBI) ने चार्जशीट दायर की है। लेकिन इस चार्जशीट में कुलदीप सिंह सेंगर(Kuldeep singh sengar) पर हत्या की धारा नहीं लगाई गई है। उनके खिलाफ आपराधिक षड़यंत्र और डराने धमकाने का आरोप है। उन्नाव रेप पीड़िता की कार में एक ट्रक ने उस वक्त टक्कर मार दी थी जिस समय वो रायबरेली जिला जेल में अपने चाचा से मिलने जा रही थी। उस घटना में कार में उसके दो रिश्तेदारों की मौत हो गई थी जबकि वकील और वो पीड़ित गंभीर रूप से घायल हो गए थे।
सीबीआई ने लखनऊ स्थित स्पेशल सीबीआई कोर्ट में चार्जशीट दायर की है। इस चार्जशीट में ट्रक के ड्राइवर आशीष कुमार पाल के खिलाफ गैरइरादतन हत्या, रैश ड्राइविंग और दूसरों के जान को खतरे में डालने की धाराओं के तहत आरोपित किया गया है। 25 सितंबर को चार्जशीट दायर करने के लिए सीबीआई को दो हफ्तों की मोहलत दी थी।
पीड़िता के मुताबिक 2010 में बीजेपी विधायक रहे कुलदीप सेंगर से उसके साथ दुष्कर्म किया था और उस समय वो नाबालिग थी। सुप्रीम कोर्ट ने इस विषय पर स्वत: संज्ञान लेते हुए यूपी पुलिस को फटकार लगाई थी और पूरे मामले को समयबद्ध सीमा में खत्म करने के साथ ही केस को दिल्ली ट्रांसफर कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद पीड़िता को दिल्ली के एम्स ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया था। रायबरेली में इस एक्सीडेंट के बाद पीड़िता के परिवार ने आरोप लगाया था कि यह हमला कुलदीप सिंह सेंगर द्वारा कराया गया है ताकि केस को कमजोर किया जा सके।
इस संबंध में पीड़िता ने सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस को एक चिट्ठी लिखी थी जिसमें जान के खतरे का अंदेशा जताया गया था। लेकिन सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री ने उस खत को चीफ जस्टिस के सामने पेश नहीं किया था। मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई को जब इसकी जानकारी लगी तो वो बहुत नाराज हुए और कहा कि वो इस संबंध में जवाब तलब करेंगे। इस मामले में अदालत ने यूपी पुलिस और सरकार दोनों पर सवाल दागे। इसके साथ ही कहा कि उन्नाव गैंग रेप केस की निष्पक्ष जांच के लिए मामले को यूपी के बाहर ट्रांसफर कर दिया।
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