संयुक्त थिएटर कमान पर CDS का बड़ा बयान, जम्मू-कश्मीर के लिए हो सकती है अलग कमान

देश
आलोक राव
Updated Feb 17, 2020 | 14:11 IST

CDS Bipin Rawat : जनरल रावत ने कहा कि प्रायद्वीपीय कमान की निगरानी में पश्चिम के सरक्रीक से लेकर पूर्वी क्षेत्र का सुंदरबन और उसके आगे का इलाका होगा। इस कमान में नौसेना के पूर्वी एवं पश्चिमी कमान शामिल होंगे।

CDS Bipin Rawat says can have separate command for Jammu and Kashmir
देश में बनाए जाएंगे केंद्रीय एकीकृत कमान।  |  तस्वीर साभार: PTI
मुख्य बातें
  • देश की रक्षा जरूरतों को देखते हुए लंबे समय से संयुक्त एकीकृत कमान पर दिया जा रहा जोर
  • अभी देश में है कुल 17 कमान, थल सेना औ वायु सेना के पास हैं सात-सात कमान, तीन कमान नौसेना के पास
  • सीडीएस जनरल रावत ने कहा है कि इससे सेनाओं में बेहतर तालमेल एवं समन्वय स्थापित होगा

नई दिल्ली: चॉफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत ने सोमवार को कहा कि भारत आने वाले वर्षों में दो से पांच थिएटर कमान स्थापित करने की योजना बना रहा है और पहले कमान की स्थापना 2020 तक की जाएगी। जनरल रावत ने कहा कि भारतीय नौसेना की पूर्वी और पश्चिमी कमान का विलय प्रायद्वीपीय कमान में किया जाएगा जबकि भारतीय वायु सेना, भारतीय वायु रक्षा कमान के अधीन आएगी। इसमें लंबी दूरी की मिसाइलें और वायु रक्षा से जुड़ी संपत्ति इसके दायरे में आएंगी। उन्होंने कहा कि हम लॉजिस्टिक एवं ट्रेनिंग के लिए एक अलग से संयुक्त कमान बनाने पर काम कर रहे हैं। 

जनरल रावत ने कहा कि प्रायद्वीपीय कमान की निगरानी में पश्चिम के सरक्रीक से लेकर पूर्वी क्षेत्र का सुंदरबन और उसके आगे का इलाका होगा। इस प्रायद्वीपीय कमान में नौसेना के पूर्वी एवं पश्चिमी कमान शामिल होंगी। इसके अलावा एयर डिफेंस कमान के लिए एयर फोर्ड वाइस चीफ के अधीन एक अध्ययन कराया जा रहा है। सीडीएस ने कहा कि सरकार अलग से एक जम्मू-कश्मीर थिएटर कमान बना सकती है लेकिन इसका आकार कैसा होगा इस पर बाद में फैसला लिया जाएगा। साल 2022 तक सैन्य थिएटर कमान शुरू करने की योजना है। एक बार थिएटर कमानों के बारे अध्ययन पूरा हो जाने के बाद इनकी सही तस्वीर सामने आ जाएगी।

अभी देश में हैं कुल 17 कमान
बता दें कि भारत में अभी केंद्रीय एकीकृत कमान की स्थापना नहीं हुई है। भारत में कुल 17 कमान हैं। इनमें से थल सेना के 7, वायु सेना के 7 और नौसेना के तीन कमान हैं। तीनों सेनाओं के कमान को एकीकृत करके संयुक्त थिएटर कमान बनाने की बात चल रही है। संयुक्त थिएटर कमान में तीनों सेनाएं और उनके लॉजिस्टिक शामिल होंगे। फिलहाल देश की रक्षा जरूरतों को ध्यान में रखते हुए संयुक्त थिएटर कमान बनाए जाने वाले हैं लेकिन इनकी संख्या कितनी होगी यह अभी स्पष्ट नहीं हो पाया है। 

केंद्रीय एकीकृत कमान के लिए गंभीर हुई सरकार  
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गत 15 अगस्त को लाल किले की प्रचारी से सीडीएस का पद सृजित करने की घोषण की। इसके बाद सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत की पहली तैनाती इस पद पर हुई। सीडीएस रावत के कंधे पर देश के लिए केंद्रीय एकीकृत कमान बनाने की अहम जिम्मेदारी है। एकीकृत कमान की जरूरत काफी समय से महसूस की जा रही थी। सरकार अब जाकर इस दिशा में गंभीर हुई है। हालांकि, इस बीच ये भी रिपोर्टें आती रहीं वायु सेना केंद्रीय एकीकृत कमान के पक्ष में नहीं है। वायु सेना को आशंका है कि इससे एक बल के रूप में उसकी अहमियत कम हो जाएगी और उसे थल सेना के अधीन काम करना पड़ सकता है। 

क्यों जरूरी है केंद्रीय एकीकृत कमान

सुरक्षा हालात एवं भविष्य की सामरिक एवं रक्षा रणनीतियों को देखते हुए ऐसे कमान की जरूरत पर जोर दिया जा रहा है जिसमें तीनों सेनाएं थल, वायु और नौसेना शामिल हों ताकि जरूरत पड़ने पर तीनों सेनाएं एक साथ किसी मिशन एवं अभियान को अंजाम दे सकें। एकीकृत कमान होने से तीनों सेनाओं के बीच बेहतर तालमेल एवं समन्वय स्थापित होगा और इससे अभियान एवं मिशन में ज्यादा अच्छे परिणाम हासिल किए जा सकते हैं। हाल के वर्षों में भारत ने जो अभियान चलाए उनमें कहीं न कहीं तीनों सेनाओं के बीच समन्वय का अभाव दिखा। जनरल रावत कह चुके हैं कि भविष्य की चुनौतियों एवं सेना के संसाधनों का बेहतर इस्तेमाल करने के लिए तीनों सेनाओं के बीच तालमेल और उनके बीच कम्युनिकेशन और को-आर्डिनेशन को और बेहतर बनाने की जरूरत है। अमेरिका, चीन सहित कई देशों के पास संयुक्त थिएटर कमान हैं। 

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