नई दिल्ली : कोरोना संक्रमण पर रोक लगाने के लिए महाराष्ट्र सरकार की ओर से लॉकडाउन के उपाय एवं नाइट कर्फ्यू लागू किए जाने पर केंद्र सरकार ने मंगलवार को उद्धव सरकार को पत्र लिखा। केंद्र ने कहा है कि कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने में ये उपाय कम ज्यादा प्रभावी साबित नहीं हुए हैं। महाराष्ट्र के मुख्य सचिव को लिखे गए पत्र में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा, 'कोरोना संक्रमण पर रोक लगाने के लिए नाइट कर्फ्यू एवं लॉकडाउन जैसे उपाय बहुत कम असर दिखा पाए हैं।' सरकार ने कोरोना महामारी पर रोक लगाने के लिए ज्यादा सख्त रणनीति बनाने के लिए कहा है।
दौरा करने के बाद केंद्र की टीम ने दी रिपोर्ट
बता दें कि केंद्र की एक टीम ने हाल ही में विदर्भ क्षेत्र का दौरा किया है। इलाके का दौरा करने के बाद टीम ने अपनी रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौंपी है। इसके बाद सरकार ने महाराष्ट्र सरकार को पत्र लिखा है। अपने पत्र में सरकार ने कोरोना वायरस के फैलाव पर मौजूद निगरानी तंत्र को और मजबूत किए जाने और कंटेनमेंट जोन में एक्टिव केस एवं एक्टिव हाउस पर नजर रखने की जरूरत है। सरकार ने कहा है कि राज्य में यदि एक व्यक्ति जिसकी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है, उससे संपर्क में आए 20 से 30 लोगों की जांच करने की जरूरत है।
उद्धव सरकार ने जारी किए नए निर्देश
राज्य में कोरोना के बढ़ते नए मामलों को देखते हुए महाराष्ट्र सरकार ने इस महामारी पर रोक लगाने के लिए सोमवार को नए दिशानिर्देश जारी किए। सरकार ने अपने नए निर्देशों में कोविड-19 के प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करने के लिए कहा है। राज्य सरकार ने कहा है कि नियमों का उल्लंघन करने वाले सिनेमा हॉल्स, रेस्तरां, मॉल्स और कार्यालयों को बंद कर दिया जाएगा। सरकार ने कहा कि स्वास्थ्य एवं जरूरी सेवा से जुड़ी सेवाओं के अलावा उपरोक्त सार्वजनिक जगहें अपनी 50 प्रतिशत क्षमता के साथ चलेंगी। ये नए निर्देश 21 मार्च 2021 तक प्रभावी रहेंगे।
सोमवार को 15,051 नए मामले सामने आए
सोमवार को महाराष्ट्र में 15,051 नए मामले सामने आए, जिससे राज्य में संक्रमण के कुल मामले बढ़कर 23,29,464 तक पहुंच गए, जबकि बीमारी से 48 लोगों की मौत हो गई, जिससे राज्य में इस महामारी में जान गंवाने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 52,909 हो गई। राज्य में मरीजों के ठीक होने की दर 92.07 प्रतिशत है जबकि मामले में मृत्यु दर 2.27 प्रतिशत है। देश में सबसे ज्यादा कोरोना के नए मामले इस राज्य में सामने आ रहे हैं। इससे केंद्र और राज्य दोनों सरकारों की चिंता बढ़ गई है।
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