लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पिछली सरकारों के कारण उत्तर प्रदेश की छवि बिगड़ी थी, लेकिन सरकार ने उसको फिर से देश में एक सम्मानजनक पहचान दिलाई। मुख्यमंत्री योगी ने एक चैनल को साक्षात्कार देते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में विभिन्न दलों की सरकारों के समय- चाहे कांग्रेस पार्टी हो, समाजवादी पार्टी या बहुजन समाज पार्टी, तीनों सरकारों के समय- उत्तर प्रदेश का परसेप्शन खराब हुआ था, हमने उसका परिमार्जन किया।
लखीमपुर खीरी के मामले पर योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सरकार के पास किसी भी अपराध के मामले में जब भी प्रमाण होंगे वह कठोरता के साथ कार्यवाही करेगी। लखीमपुर खीरी मामले की मॉनिटरिंग सुप्रीम कोर्ट स्वयं कर रहा है। सरकार ने इस मामले में न्याय संगत कार्रवाई की है और आगे भी जो लोग वहां हुई 8 लोगों की मौत के लिए जिम्मेदार होंगे उन पर कार्रवाई करेगी। एसआईटी पूरे मामले की बारीकी से जांच कर रही है।
भाजपा कहती रही है कि वह जाति की राजनीति में यकीन नहीं करती लेकिन अब वह भी जातीय सम्मेलन कर रही है। इस सवाल का जवाब देते हुए योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हमारे सम्मेलन जातीय नहीं बल्कि सामाजिक हैं। ये सामाजिक सम्मेलन सरकार द्वारा उस समाज के हित के लिए उठाए गए कदमों को उन्हें बताने के लिए हैं। हमारे सामाजिक सम्मेलन जातिवाद से प्रेरित नहीं हैं। हमने मंच पर कभी नहीं कहा कि इस जाति के लिए यह काम किया और उस जाति के लिए वह काम किया।
चुनाव में सरकार विरोधी लहर को खारिज करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था, इन्वेस्टमेंट, बेरोजगारी दर कम करने और विकास योजनाओं को चलाने को लेकर जो आमूलचूल परिवर्तन हुआ है, वह अभूतपूर्व है, जिसे हर व्यक्ति स्वीकार करता है। योगी ने कहा कि उनकी सरकार ने प्रदेश की जनता के लिए जो कार्य किए हैं उसके आधार पर उन्हें पूरा विश्वास है कि जनता जनार्दन का आशीर्वाद फिर से प्राप्त होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बेहतर कानून व्यवस्था की स्थिति ने अब प्रदेश में निवेश की संभावनाओं को बढ़ाया है। सुशासन लाने के लिए जो सुधार किए गए उनके परिणाम अब सामने आ रहे हैं। कहा कि स्वच्छता अभियान के मुद्दे पर उन्होंने बताया की उत्तर प्रदेश को दो करोड़ इकसठ लाख शौचालय बनाने थे। पहले ढाई वर्ष में मात्र 43 लाख बन पाए थे। जब हमारी सरकार आई तो डेढ़ वर्ष में दो करो एक करोड़ अस्सी लाख शौचालय बनाकर तैयार किए और ढाई साल में खुले में शौच से मुक्ति के लक्ष्य को प्राप्त किया।
कोरोना काल के दौरान अपनी सरकार के कार्यों का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों का इलाज करने और राहत पहुंचाने- दोनों मोचरें पर सरकार ने बेहतरीन कार्य किया। हालांकि विरोधी दलों ने कोरोना जैसी वैश्विक आपदा को भी राजनीति का मुद्दा बनाने से गुरेज नहीं किया और सरकार को बदनाम करने के लिए कई झूठी बातें प्रचारित की गई। गंगा तट पर बड़ी संख्या में शवों का मामला जमकर उछाला गया। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यह सच है कि गंगा के तटवर्ती क्षेत्रों में कुछ लोग पंचक के दौरान शवों का दाह संस्कार नहीं करते बल्कि गंगा में प्रवाहित करते हैं। उस दौरान कुछ लोग संक्रमण से मरे होंगे तो कुछ अपनी उम्र संबंधी समस्याओं या बीमारी के चलते, लेकिन यह पहली बार नहीं हुआ। 2012 और 2014 की मीडिया रिपोर्ट देख ले तो सब साफ हो जाता है। इस बार भी जब पत्रकारों ने मौके पर जाकर रिपोटिर्ंग की तो पाया कि यह कोई नई बात नहीं है ऐसा काफी पहले से होता आ रहा है।
कानून व्यवस्था के मामले पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हमने हर अपराध के विरुद्ध कठोरता से कार्यवाही की है और इसी का नतीजा है कि पूरे देश में उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था आज एक नजीर बनी है।
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