नई दिल्ली : चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बिपिन रावत और तीनों सेनाओं के प्रमुखों ने शुक्रवार को कहा कि सशस्त्र बल कोरोना वायरस संक्रमण से जंग के लिए पूरी तरह तैयार हैं। इस दौरान उन्होंने दिन-रात मरीजों के इलाज में जुटे स्वास्थ्यकर्मियों और लोगों तक आवश्यक चीजों की आपूर्ति करने वालों का आभार जताया और कहा कि सशस्त्र बल खास तरीके से उनके साथ एकजुटता प्रदर्शित करेंगे।
एयरफोर्स करेगी फ्लाइपास्ट
इस दौरान उन्होंने देशवासियों को इसका भरोसा भी दिलाया कि कोरोना वायरस के खिलाफ जंग के दौरान आतंकवाद को लेकर किसी तरह की ढील नहीं दी जा रही है और सशस्त्र बल पूरी सतर्कता बरत रहे हैं। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि संकट की इस घड़ी में सशस्त्र बल देश के साथ हैं। जनरल बिपिन रावत ने कहा कि सशस्त्र बलों द्वारा देश में कुछ विदेश गतिविधियां की जाएंगी। एयरफोर्स श्रीनगर से त्रिवेंद्रम और असम में डिब्रूगढ़ से गुजरात के कच्छ के बीच फ्लाइपास्ट करेगी। इसमें ट्रांसपोर्ट और फाइटर, दोनों तरह के विमानों को शामिल किया जाएगा। फ्लाइ पास्ट के दौरान एरफोर्स के विमान कुछ स्थानों पर फूलों की पंखुरियां भी बरसाएंगे।
कोरोना योद्धाओं का आभार
उन्होंने कहा, हम सशस्त्र बलों की ओर से COVID19 वॉरियर्स को धन्यवाद देना चाहते हैं। डॉक्टर्स, नर्स, स्वच्छता कर्मचारी, पुलिस, होमगार्ड, डिलीवरी बॉय और मीडिया सरकार के संदेश को लोगों तक पहुंच रहे हैं कि इस मुश्किल समय में भी आगे बढ़ा जाए। सेना अपनी तरफ से देश के लगभग हर जिले के कुछ COVID अस्पतालों में माउंटेन बैंड प्रदर्शित करेगी। सशस्त्र बल भी हमारे पुलिस बलों के साथ एकजुटता दर्शाने के लिए 3 मई को पुलिस स्मारक पर पुष्पचक्र अर्पित करेंगे।
सैन्य तैनाती की आवश्यकता नहीं
उन्होंने कहा कि नौसेना की ओर से अपने युद्धपोतों को तीन मई को शाम को तटीय क्षेत्रों में तैनात किया जाएगा। नौसेना के युद्धपोतों को रोशनी से सजाया जाएगा और उनके हेलिकॉप्टर्स का इस्तेमाल अस्पतालों में पंखुड़ियां बरसाने के लिए किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस कर्मी अपना काम बहुत अच्छे से कर रहे हैं। वे रेड जोन में भी कार्रवाई करने में सक्षम हैं। अब तक सैन्य तैनाती की कोई आवश्यकता महसूस नहीं की गई है।
आतंकवाद पर कोई कोताही नहीं
वहीं, इस मौके पर सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने कहा कि कोरोनावायरस से निपटने में कोई समस्या नहीं है। सेना का पहला मरीज ठीक हो गया है और जवान वापस ड्यूटी पर लौट चुका है। सेना में अब तक केवल 14 मामले सामने आए हैं, जिनमें से 5 ठीक हो चुके हैं और वे काम पर भी लौट आए हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से आतंकवाद विरोधी अभियानों में किसी तरह की ढील नहीं दी जा रही है। ऑपरेशंस में मारे गए आतंकवादियों के शव नागरिक प्रशासन को सौंप दिए जाते हैं और वे इस पर आगे की कार्रवाई करते हैं।
एलओसी पर घुसपैठ बढ़ा
सेना प्रमुख ने यह भी कहा कि बीते कुछ समय में नियंत्रण रेखा (LoC) के जरिये घुसपैठ के प्रयास बढ़े हैं, लेकिन सेना पूरी सतर्कता बरत रही है। वहीं भारतीय वायु सेना के प्रमुख आरकेएस भदौरिया ने कहा कि सभी सावधानियों को लागू किया गया है और अभी तक वायु सेना में COVID19 का कोई मामला नहीं आया है। लेकिन हमें आगे भी सतर्क रहना होगा।
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