नई दिल्ली: जनरल बिपिन रावत आज देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) के रूप में पद संभालने जा रहा हैं। उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। इस दौरान वो नए सेना प्रमुख मनोज मुकुंद नरवाणे, एयर चीफ मार्शल राकेश कुमार सिंह भदौरिया और नौसेना प्रमुख करमबीर सिंह और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ दिखे। उससे पहले वे नेशनल वॉर मेमोरियल भी पहुंचे।
सीडीएस के रूप में अपनी पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा, 'तीनों सेनाएं एक टीम के रूप में काम करेंगी। रक्षा स्टाफ के प्रमुख को दिए गए कार्य के अनुसार हमें एकीकरण को बढ़ाना होगा और बेहतर संसाधन प्रबंधन करना होगा।'
उन्होंने कहा, 'तालमेल सही रहा तो कार्रवाई होती रहेगी, तीनों सेनाएं मिलकर कार्रवाई करेंगी। हम अपना प्लान पहले से किसी को नहीं बताते। तीनों सेवाओं को मिले संसाधनों का सर्वश्रेष्ठ और सर्वोत्तम इस्तेमाल सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।'
इस दौरान उनसे पूछा गया कि आप पर आरोप लगते हैं कि आपका राजनीतिक झुकाव है, तो इस पर उन्होंने कहा कि हम राजनीति से बहुत दूर, बहुत दूर रहते हैं। हमें सरकार के निर्देशों के अनुसार काम करना होता है।
हाल ही में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने जनरल बिपिन रावत को लेकर कहा था कि उन्हें सेना तक ही सीमित रहना चाहिए और अपने काम से मतलब रखना चाहिए। दरअसल बिपिन रावत ने बीते दिनों देशभर में चल रहे नागरिकता संशोधन कानून विरोधी प्रदर्शनों के पीछे के नेतृत्व पर सवाल उठाया था। उन्होंने कहा था कि इन प्रदर्शनों के पीछे जिन नेतृत्व का हाथ है वह लोगों को गलत दिशा में ले जा रहे हैं। नेतृत्व इस तरह नहीं होता है।
जनरल रावत ने कल ही यानी 31 दिसंबर को थल सेना प्रमुख पद से सेवानिवृत्त हुए हैं। इस दौरान उन्होंने कहा कि पाकिस्तान, चीन से लगी सीमा पर पैदा होने वाली किसी भी चुनौती से निपटने के लिए सेना बखूबी तैयार है।
Times Now Navbharat पर पढ़ें India News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।