नई दिल्ली : अरुणाचल प्रदेश से लगे विवादित सीमा के पास चीन की ओर से एक दूसरा नया गांव बसाने का मामला सामने आया है। इस बारे में सामने आईं नई सैटेलाइट तस्वीरें चीन द्वारा सीमा के पास नए गांव का निर्माण की ओर इशारा कर रही हैं। हालांकि, सेना ने गुरुवार को जोर देकर कहा कि 'जिस जगह पर नया गांव बसाने की तस्वीरें आई हैं, वह जगह वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के उत्तरी हिस्से में है जो कि चीन के नियंत्रण वाला क्षेत्र है।'
एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक 60 बिल्डिगों का यह नया इंक्लेव शि योमी जिले में सामने आया है। सैटेलाइट की तस्वीरों के मुताबिक ये ढांचा साल 2019 में नहीं था। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि यह निर्माण उस क्षेत्र के 'छह किलोमीटर भीतर' किया गया है जिस पर भारत अपना दावा करता है। यह इलाका भारतीय नक्शे में एलएसी और अंतरराष्ट्रीय सीमा के बीच पड़ता है।
चीन के इस नए गांव के निर्माण पर जब टीआओई ने सेना से संपर्क किया तो उसने कहा, 'जिस स्थान को लेकर सवाल किए जा रहे हैं, दरअसल वह एलएसी के उत्तर तरफ है।' अधिकारी ने कहा कि एलएसी को लेकर जो हमारा जो मानना है उसके भीतर इस तरह का कोई निर्माण नहीं हुआ है। भारत और चीन के बीत 3,488 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा है। एलएसी के एक तरफ चीन और दूसरी तरफ भारत की सीमा है। हालांकि, इस एलएसी को लेकर दोनों देशों के अपने-अपने दावे हैं। सीमा विवाद का हल निकालने के लिए दोनों देश आपस में बातचीत करते आ रहे हैं।
कुछ दिनों पहले अमेरिकी रक्षा विभाग ने चीन से जुड़े सैन्य और सुरक्षा विकास की सालाना रिपोर्ट में चीन को लेकर बड़ा दावा किया है। इस रिपोर्ट में दावा किया गया कि चीन ने भारत के अरुणाचल प्रदेश के बीच विवादित क्षेत्र में 100 घरों का गांव बसा दिया है। दावा किया गया है कि चीन ने सीमा के करीब साढ़े चार किलोमीटर अंदर ये गांव बसाया है। अरुणाचल सीमा पर चीनी घुसपैठ के दावे के बीच एडिशनल डिप्टी कमिश्नर डीजे बोरा का कहना है कि वहां लंबे वक्त से चीनी सेना का स्थायी सैन्य कैंप बना है। 2020 में सर्वेक्षण किया गया था और तब नागरिक बसाव कोसों दूर था।
चीन की ओर से एलएसी के समीप नया गांव बसाने की रिपोर्टों पर चीफ ऑफ आर्मी स्टॉफ जनरल बिपिन रावत ने टाइम्स नाउ समिट 2021 में कहा कि निर्माण हुए हैं, यह बात सही है लेकिन ये निर्माण चीन के हिस्से वाले वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के समीप हुए हैं। चीनी सैनिकों ने अपनी पुरानी संरचना की जगह नए निर्माण किए हैं। यह निर्माण उनकी तरफ हुआ है, भारत के हिस्से वाले एलएसी के समीप नहीं। सीडीएस ने कहा कि सीमा एवं एलएसी के समीप बुनियादी संरचनाओं के निर्माण के लिए चीन 'हट्स' में मजदूरों-श्रमिकों को रखता आया है, अब इन 'हट्स' की जगह उसने स्थायी निर्माण किए हैं।
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