नई दिल्ली। चीन अपनी चालबाजी से बाज नहीं आ रहा है। एक तरफ बातचीत की मेज पर वो वादे पर वादे करता है। लेकिन जमीन पर जब उसे उतारने की बारी आती है तो वो अपने वादे से मुकर जाता है। फिंगर एरिया को लेकर अभी भी बातचीत किसी सार्थक नतीजे पर नहीं पहुंची है। इन सबके बीच भारतीय थल सेनाध्यक्ष एम एम नरवणे ने कमांडरों से कहा कि वो लोग किसी भी हालात का सामना करने के लिए तैयार रहें।
किसी भी हालात का सामना करने के लिए कमांडर रहें तैयार
आर्मी चीफ ने हाल ही में तेजपुर स्थित 4 कॉर्प्स का दौरा किया था। बता दें कि 4 कॉर्प्स अरुणाचल से लगे भारत चीन सीमा की निगहबानी करती है। सूत्रों का कहना है कि आर्मी चीफ ने स्पष्ट कहा कि ताजा हालात को देखते हुए हमें अपनी तैयारियों को और पुख्ता और धारदार बनाना होगा। एम एम नरवणे को सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश से लगे एलएसी के बारे में जानकारी दी गई।
पूर्वी लद्दाख में इस समय 40 हजार भारतीय जवान तैनात
चीनी फौज की तरफ से चार से लेकर पांच कंबाइंड आर्म्ड ब्रिगेड की तैनाती की गई है। चीन के जवाब में पूर्वी लद्दाख में भारत की भी तरफ से चालीस हजार जवानों की तैनाती है।चीनी सेना की तरफ से उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश के करीब हलचल बढ़ी है। बताया जा रहा है कि भारत और चीन के बीच सैन्य कमांडरों की बैठक में चीन की तरफ से अप्रासंगिक बातों को उठाया जाता है जिसका ताजा विवादों से कोई रिश्ता नहीं है।
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