नई दिल्ली : भारत और चीन के बीच बीते साल अप्रैल के आखिर से ही पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर तनाव की स्थिति बनी हुई है और कई दौर की बातचीत के बाद भी इसका अब तक कोई समाधान नहीं निकाला जा सका है। इस बीच चीन द्वारा एलएसी से 10 हजार सैनिकों को वापस बुलाए जाने की रिपोर्ट है, जिसके बाद ऐसे सवाल भी उठ रहे हैं कि इसके जरिये चीन कहीं भारत के साथ 'माइंड गेम' तो नहीं कर रहा है?
भारतीय सेना के प्रमुख जनरल एमएम नरवणे के उस बयान के मद्देनजर यह सवाल और भी अहम हो जाता है, जिसमें उन्होंने हाल ही में कहा कि भारत को दो मोर्चों पर खतरे से निपटने के लिए तैयार रहना होगा। उनका इशारा साफ तौर पर चीन के साथ-साथ पाकिस्तान की ओर था, जो लगातार भारत के खिलाफ पड़ोसी मुल्क से साठगांठ में जुटा है। चीन और पाकिस्तान के बीच सैन्य और असैन्य क्षेत्रों में लगातार बढ़ रहे सहयोग का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि दोनों मुल्कों की कपटपूर्ण सोच से आसन्न खतरे की अनदेखी नहीं की जा सकती।
इन सबके बीच अब अचानक चीन द्वारा 10 हजार सैनिकों को एलएसी से वापस बुलाने की रिपोर्ट आई है, जिसकी वजह यहां ठंड के मौसम को बताया गया है। हॉन्गकॉन्ग स्थित एक अंग्रेजी समाचार-पत्र ने चीनी सूत्रों के हवाले से दी रिपोर्ट में कहा है कि चीन को ठंड के मौसम में यहां दोनों पक्षों के बीच आमना-सामना होने की आशंका काफी कम है और इसलिए उसने यह कदम उठाया है और इसकी गुंजाइश छोड़ी है कि भारतीय पक्ष इसे सत्यापित कर सके। लेकिन इससे इनकार नहीं किया जा सकता कि यह चीन का माइंड गेम हो सकता है।
भारतीय पक्ष ने बिल्कुल साफ कर दिया है कि जब तक डिस-एंगेजमेंट और डी-एस्केलेशन की प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती, तनावग्रस्त क्षेत्र में उन स्थानों से भारतीय सैनिकों की वापसी नहीं होगी, जहां आमने-सामने टकराव की आशंकाएं हैं। चीन ने एलएसी से सटे अपने क्षेत्र में जिस तरह से बुनियादी संरचनाओं का निर्माण किया है, उसे देखते हुए भी भारतीय पक्ष विशेष सतर्कता अपना रहा है और रणनीतिकारों ने स्पष्ट कर दिया है कि वे चीन के किसी 'माइंड गेम' में नहीं उलझेंगे और उसे माकूल जवाब दिया जाएगा।
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