नई दिल्ली: दुनिया भर के अलग अलग देश चीन से इस समय तंग आ चुके हैं और विस्तारवादी नीति वाले इस देश के खिलाफ दुनिया एकजुट हो रही है। इसके साथ ही दुनिया में चीनी कंपनियों को लेकर भी फिलहाल कोई बहुत अच्छा माहौल नहीं है, ऐसे में एक और ऐसी खबर आई है जिसने न सिर्फ एक चीनी स्मार्टफोन कंपनी की नियमों के प्रति गंभीरता को लेकर सवाल खड़े किए हैं बल्कि यह मामला सुरक्षा से खिलवाड़ का भी नजर आ रहा है।
रिपोर्ट्स के अनुसार, उत्तर प्रदेश के मेरठ क्षेत्र में एक ही IMEI नंबर पर स्मार्टफोन कंपनी VIVO के 13 हजार से ज्यादा स्मार्टफोन सक्रिय होने का मामला सामने आया है। पुलिस ने इस संबंध में एफआईआर भी दर्ज कर ली है और लगातार जांच की जा रही है। IMEI यानी इंटरनेशनल मोबाइल इक्विपमेंट आइडेंटिटी नम्बर किसी स्मार्टफोन की पहचान होता है और एक स्मार्टफोन को एक ही IMEI नंबर दिया जा सकता है लेकिन वीवो कंपनी के संबंध में जो खबर सामने आ रही है, उसने सुरक्षा को लेकर भी चिंता की स्थिति पैदा कर दी है। कोई भी एक IMEI के एक से ज्यादा फोन बाजार में नहीं उतार सकती।
पुलिस राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में एक ही यूनिक नंबर के कई फोन संक्रिय होने को लेकर सबूत जुटा रही है और कानूनी तौर पर यह अपराध की श्रेणी में आता है।
कैसे सामने आया मामला: दरअसल कुछ समस्या आने के बाद एक पुलिसकर्मी ने रिपेयरिंग के लिए अपना वीवो स्मार्टफोन कंपनी के सर्विस सेंटर पर दिया था। कंपनी ने बैट्री, स्क्रीन और एफएम बदलकर सर्विस सेंटर ने उन्हें मोबाइल वापस दे दिया, लेकिन इसके बाद पुलिसकर्मी के मोबाइल डिस्प्ले पर एरर दिखना शुरु हो गया। जांच करने पर पता चला कि फोन का आईईएमआई नंबर बॉक्स पर दर्ज नंबर से बदल चुका था।
इसके बाद पुलिस ने साइबर सेल विभाग की मदद ली और इस मामले की आगे जांच की। जब सर्विस सेंटर से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि आईईएमआई नहीं बदली गई है। मामला गंभीर होने पर साइबर सेल ने मोबाइल में जियो कंपनी का सिम होने पर आईएमईआई को टेलिकॉम कंपनी को भेजकर डाटा मांगा। वहां से रिपोर्ट आई कि 24 सितंबर 2019 को सुबह 11 से 11.30 बजे तक अलग-अलग राज्यों के वीवो मोबाइल के इस IMEI नंबर पर करीब 13557 फोन चल रहे हैं। अब पुलिस इस मामले में आगे की जांच के साथ कार्रवाई की तैयारी कर रही है।
नियम बताने के बाद पालन नहीं कर रही चीनी कंपनी: अधिकारियों के अनुसार कुछ साल पहले जब चीनी फोन आए थे तब उनमें आईएमईआई नंबर एक ही होता था। सुरक्षा के लिए यह खतरा थे क्योंकि फोन चोरी या किसी फोन के अपराध के दौरान इस्तेमाल होने पर पुलिस जांच में भ्रमित ही बनी रहेगी क्योंकि एक ही नंबर के कई फोन होंगे। इसके अलावा इसके कई और गंभीर पहलू हो सकते हैं।
भारत सरकार ने एक जैसे सभी नंबरों को ब्लैक लिस्ट किया था। इसके बाद ट्राई के नियम लागू हुए। इसके तहत एक आईएमईआई सिर्फ एक मोबाइल को दिया जा सकता है।
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