चिंतन नहीं चिंता शिविर और राहुल गांधी तो नॉन प्लेइंग कप्तान, रमन सिंह ने कसा तंज

बीजेपी और केंद्र सरकार पर राहुल गांधी निशाना साधते रहते हैं। हाल ही में कांग्रेस ने उदयपुर में चिंतन शिविर किया था। लेकिन छत्तीसगढ़ के सीएम रहे डॉ रमन सिंह ने उसे चिंता शिविर बताते हुए उन्हें नॉन प्लेइंग कप्तान बता डाला।

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छत्तीसगढ़ के सीएम डॉ रमन सिंह ने राहुल गांधी पर कसा तंज 

छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा उपाध्यक्ष डॉ रमन सिंह ने हाल ही में संपन्न कांग्रेस 'चिंतन शिविर' पर कटाक्ष किया है और राहुल गांधी को 'नॉन-प्लेइंग' कप्तान बताकर उन पर निशाना साधा है।जयपुर में भाजपा के राष्ट्रीय पदाधिकारियों की बैठक समाप्त होने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि राहुल गांधी न तो कप्तान बनना चाहते हैं और न ही मैदान में उतरना चाहते हैं।

2013 में 13 राज्य, 2022 में 2 राज्य
'चिंतन शिविर' पर टिप्पणी करते हुए भाजपा उपाध्यक्ष ने कहा, 'मुझे याद है कि जब 2013 में चिंतन शिविर हुआ था, तब उनकी (कांग्रेस) 13 राज्यों में सरकारें थीं। 2022 में फिर वही चिंतन शिविर हुआ और सरकार सिर्फ दो राज्यों में रह गई। मुझे लगता है कि इस चिंतन शिविर के बाद किसी भी राज्य में कांग्रेस की सरकार नहीं बचेगी।ये लोग (कांग्रेस) एक ऐसे व्यक्ति को कप्तान बनाना चाहते हैं, जो खुद कप्तान नहीं बनना चाहता। वह नॉन-प्लेइंग कप्तान बनने को भी तैयार नहीं हैं। राहुल गांधी न तो रन बना रहे हैं और न ही विकेट ले रहे हैं।

'कांग्रेस सिर्फ तीन लोगों की पार्टी'
गांधी परिवार पर हमला बोलते हुए भाजपा अध्यक्ष ने कहा, 'पार्टी केवल तीन लोगों तक सीमित है। वे इससे ऊपर नहीं उठ सकते और न ही इससे ऊपर सोच सकते हैं। जनता से पार्टी का विश्वास उठ गया है। उन्होंने इस देश के लोगों को लंबे समय तक लूटा है, अब उन्हें वह अवसर नहीं मिलेगा।सिंह ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के छत्तीसगढ़ मॉडल की आलोचना की और कहा कि बघेल ने मॉडल के नाम पर असम और उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के लिए वोट मांगे लेकिन उन्हें दोनों राज्यों में हार का सामना करना पड़ा।

शुक्रवार को जयपुर में भाजपा के राष्ट्रीय पदाधिकारियों की बैठक हुई, जिसमें तय किया गया है कि केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के आठ साल पूरे होने के उपलक्ष्य में देश भर में कई कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इसके साथ ही सभी केंद्रीय मंत्रियों को केंद्र सरकार की योजनाओं का लाभ लेने वाले लोगों से संपर्क करने और संवाद करने के लिए अलग-अलग राज्यों में जाने की जिम्मेदारी दी जाएगी।

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