नई दिल्ली : संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन असम से शुरू होकर दिल्ली के जमिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी से होते हुए यूपी अलीगढ़ समते देश के कई विश्वविद्यालयों और शहरों में फैल गया है। दिल्ली में हिंसक प्रदर्शन हुए। कई बसों में आग लगा दी गई। जामिया के छात्रों का आरोप है कि पुलिस ने होस्टल और लाइब्रेरी में पढ़ रहे छात्रों के साथ मारपीट की। यूपी में कुछ कॉलेजों में हिंसक प्रदर्शन हुए हैं। इसके बाद सियासत तेज हो गई। कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने सोमवार शाम को इंडिया गेट पर धरना दिया। मंगलवार को बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने नागरिकता कानून के खिलाफ मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि पाकिस्तान मे हिंदुओं का बदला देश के मुसलमानों से लिया जा रहा है।
मायावती ने कहा कि मैं केंद्र सरकार से इस असंवैधानिक कानून को वापस लेने की मांग करती हूं, अन्यथा भविष्य में इसके नकारात्मक परिणाम हो सकते हैं। उन्हें आपातकाल जैसे हालात पैदा नहीं करने चाहिए, जैसे कांग्रेस ने पहले किए थे। बसपा के संसदीय दल ने राष्ट्रपति से मिलने का समय भी मांगा है। हमारी पार्टी यूपी विधानसभा में भी नागरिकता संशोधन एक्ट और महिलाओं पर हो रहे अपराधों के खिलाफ आवाज उठाएगी। मायावती ने कहा कि सरकार पाकिस्तान में हो रहे हिंदुओं पर अत्याचार का बदला ले रही है। नागरिकता कानून से एक समुदाय, धर्म से भेदभाव किया जा रहा है।
मायावती ने सोमवार को ट्वीट किया था कि नए नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में पहले उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ विश्वविद्यालय में, फिर दिल्ली के जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में हिंसा हुई। कई बेकसूर छात्र और आम लोग इस हिंसा के शिकार हुए। यह अति दुर्भाग्यपूर्ण है और बीएसपी पीड़ितों के साथ है। ऐसे समय में यूपी सरकार और केंद्र सरकार को चाहिए कि वे इन वारदातों की उच्च स्तरीय न्यायिक जांच कराएं और सुनिश्चित करें कि असल दोषियों को न्याय के कटघरे में लाया जाए। पुलिस तथा प्रशासन को भी निष्पक्ष होकर कार्य करना चाहिए।
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