नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन विधेयक पर शिवसेना ने राज्यसभा में लोकसभा से अलग रुख अपनाया। लोकसभा में बिल का समर्थन करने वाली शिवसेना बुधवार को वोटिंग के समय राज्यसभा से वॉकआउट कर गई। शिवसेना के राज्यसभा सदस्य अनिल देसाई ने कहा कि उनकी पार्टी विवादित नागरिकता संशोधन विधेयक पर उच्च सदन में हुए मतदान के दौरान अनुपस्थित रही क्योंकि सरकार ने संतोषजनक जवाब नहीं दिया।
उनके अलावा संजय राउत ने भी कहा, 'मेरी पार्टी और मैंने महसूस किया कि जब जवाब ठीक से नहीं दिए जाते हैं तो बिल का समर्थन या विरोध करना सही नहीं है।'
उन्होंने कहा कि हमने यह नहीं कहा कि शरणार्थियों को नागरिकता नहीं दी जानी चाहिए, उन्हें दी जानी चाहिए। लेकिन हमने कहा कि अगर यह वोट बैंक की राजनीति के लिए एक साजिश है और आपके खिलाफ आरोप लगाए जा रहे हैं, तो उन्हें 25 साल के लिए मतदान का अधिकार नहीं दिया जाना चाहिए। दूसरा, यदि आप भारत की जनसंख्या और संसाधनों को देखते हैं, तो आप कितने लोगों को ले सकते हैं? उन्होंने श्रीलंका में तमिल हिंदुओं पर भी रुख स्पष्ट नहीं किया। बहुत सारी चीजें हैं।
जब उनसे पूछा गया कि नागरिकता संशोधन विधेयक पर शिवसेना के रुख से महाराष्ट्र में गठबंधन पर असर पड़ेगा तो उन्होंने कहा, 'इसका क्या असर होगा? हमने अपने विचार को आगे रखा है। हम एक स्वतंत्र राजनीतिक दल हैं। हमारी अपनी भूमिका है।'
शिवसेना विधायक और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे ने ट्वीट कर कहा, 'CAB पर शिवसेना। ऐसी किसी चीज का समर्थन नहीं कर सकते, जिसमें कोई स्पष्टता न हो। शिवसेना ने आज इसके लिए मतदान करने से इनकार कर दिया क्योंकि पार्टी द्वारा उठाए गए मुद्दों पर कोई स्पष्टता नहीं थी।'
राज्यसभा में शिवसेना के रुख पर बोलते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, 'शिवसेना ने लोकसभा में नागरिकता विधेयक का समर्थन किया, रातों रात ऐसा क्या हो गया कि वे अब इसका विरोध कर रहे हैं। महाराष्ट्र की जनता जानना चाहती है कि शिवसेना ने रातों-रात अपना रुख क्यों बदला? सत्ता के लिए कैसे-कैसे रंग बदलते हैं।'
बुधवार को नागरिकता संशोधन विधेयक पर चर्चा के दौरान शिवसेना ने भाजपा पर यह कहते हुए कटाक्ष किया कि हमें किसी से देशभक्ति का प्रमाणपत्र लेने की जरूरत नहीं है। आप जिस स्कूल में पढ़ रहे हो, हम वहां के हेडमास्टर हैं। हमारे स्कूल के हेडमास्टर बाला साहब ठाकरे, अटल बिहारी वाजपेयी और श्यामा प्रसाद मुखर्जी थे। शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि यह कहा जा रहा है कि जो इस विधेयक का विरोध कर रहा है वह देशद्रोही है और जो इसका समर्थन कर रहा है वह देशभक्त है।
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