West Bengal Election: पश्चिम बंगाल की लड़ाई में "सीता", ममता का कल्याण या नुकसान

देश
ललित राय
Updated Jan 12, 2021 | 08:51 IST

टीएमसी के कद्दावर नेता ने एक सभा में सीता और हाथरस का जिक्र किया जिसके बाद बंगाल की सियासत गरमा गई है। सवाल यह है कि क्या इसके जरिए ध्रुवीकरण की कोशिश हो रही है। इसे समझने की कोशिश करेंगे।

West Bengal Election: पश्चिम बंगाल की लड़ाई में
कल्याण बनर्जी के बयान पर बवाल, ममता बनर्जी को नफा या नुकसान 
मुख्य बातें
  • पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव से पहले बयानों का तड़का
  • टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने सीता और हाथरस का किया जिक्र
  • बीजेपी नेताओं ने एफआईआर दर्ज कराई

नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल विधानसभा के लिए चुनावी तारीखों का ऐलान नहीं हुआ है। लेकिन सियासी पारा तेजी से ऊपर चढ़ा है। बीजेपी और टीएमसी एक दूसरे पर निशाना साध रहे हैं तो कांग्रेस और लेप्ट दल भी एक दूसरे से गलबहियां करते हुए जमीन तलाश रहे हैं। बड़ा सवाल यह है कि क्या जैसे जैसे समय का पहिया आगे बढ़ेगा क्या बंगाल की चुनावी फिजा में सांप्रदायिक बयानों की बाढ़ आएगी। क्या नेताओं के बयान संजीवनी बूटी की तरफ काम करेंगे या बैकफायर करेंगे। दरअसल यह सवाल इसलिए मौजूं है क्योंकि टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने जो कुछ कहा कि उसके मतलब कुछ वैसे ही निकाले जा रहे हैं कि टीएमसी की तरफ से ध्रुवीकरण करने का पासा फेंका गया है। 
कल्याण बनर्जी ने क्या कहा था
वायरल वीडियो में कल्याण बनर्जी कह रहे हैं, 'सीता ने भगवान राम से कहा कि अच्छा हुआ मेरा हरण रावण ने किया था ना कि उसके चेलों ने, नहीं तो मेरा हश्र भी हाथरस जैसा होता।' उनके इस तरह के बयान के बाद ममता सरकार बीजेपी के निशाने पर आ गई है। बीजेपी ने कहा कि वोटों के चक्कर में टीएमसी के लोग परंपरा, महाभारत और रामायण का अपमान करने तक नहीं चूक रहे हैं। लेकिन उन्हें 2021 विधानसभा चुनाव में जवाब जरूर मिलेगा।

बीजेपी के तीखे तेवर

आपत्तिजनक बयान के बाद भारतीय जनता युवा मोर्चा के आशीष जायसवाल ने  कल्याण बनर्जी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। वो कहते हैं कि टीएमसी सांसद के बयान से बंगाली समाज आहत हुआ है। उनकी मांग है कि वह अपने किए पर माफी मांगे।लॉकेट चटर्जी ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की घेरेबंदी की और कहा कि यह बड़े आश्चर्य की बात है कि राज्य में महिला सीएम होने के बावजूद सबसे ज्यादा रेप हो रहे हैं। अच्छी बात होती है कि वो पहले अपने राज्य को देखतीं। किसी दूसरे राज्य पर ठीकरा फोड़ने से तस्वीर नहीं बदल जाएगी। पहले वो बंगाल को देखें उसके बाद राजस्थान, यूपी और बिहार की बात करें तो अच्छा होगा। 

एक मुट्ठी चावल और मिशन बंगाल
बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा ने मिशन बंगाल के तहत एक मुट्ठी चावल कैंपेन की शुरुआत की और इसके जरिए बीजेपी ने राज्य के 48 हजार गांवों में दाखिल होने का लक्ष्य रखा है। जे पी नड्डा ने कहा कि पिछले 10 वर्ष के ममता बनर्जी के शासन ने आम जनता खफा है जिसका असर न सिर्फ 2019 के चुनावी नतीजों में दिखाई दिया था बल्कि 2021 के नतीजों में भी दिखाई देगा। बीजेपी सिर्फ चुनावी राजनीति नहीं करती है बल्कि हमारी कोशिश रहती है कि जमीन पर जो योजनाएं उतारी जाएं उसका लाभ समाज के सभी वर्गों को मिले।

क्या कहते हैं जानकार
बीजेपी और टीएमसी के आरोपों- प्रत्यारोपों पर जानकार क्या कहते हैं इसे जानना और समझना दिलचस्प है। जानकार कहते हैं कि इसमें दो मत नहीं कि इस समय ममता बनर्जी के सामने मुश्किलें हैं, एक तरफ तो बीजेपी जबरदस्त तरीके से प्रहार कर रही है तो दूसरी तरफ उनकी पार्टी में भगदड़ मची है। उनके बागी नेता सनसनीखेज आरोप लगाते हैं तो दूसरी तरफ बीजेपी बताती है कि किस तरह से केंद्रीय योजनाओं का फायदा दूसरे राज्य उठा रहे हैं। लेकिन बंगाल में सिर्फ ममता बनर्जी ने नाक की लड़ाई बनाई और उसका नुकसान राज्य के लोगों को हो रहा है। ऐसे में टीएमसी की भी तरफ से अब इस तरह के बयान दिए जाएंगे ताकि उनके कोर वोटर्स में बिखराव ना हो। हालांकि इस तरह के बयानों पर बीजेपी की तरफ से भी जबरदस्त प्रतिक्रिया आएगी। अब यह देखने वाली बात होगी कि चुनावी नतीजों में किसे फायदा मिलेगा। लेकिन एक बात तो साफ है कि 2021 का चुनाव पिछले चुनावों से ज्यादा दिलचस्प रहेगा। 

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