'खतरा तो था, पाकिस्तानी ऑर्टिलरी की रेंज में थे प्रधानमंत्री मोदी', कांग्रेस नेता मनीष तिवारी का बड़ा बयान

PM Modi security breach news : कांग्रेस नेता मनीृष तिवारी ने कहा कि पांच जनवरी को पीएम मोदी का काफिला फ्लाईओवर पर जिस जगह फंसा था, वह पाकिस्तानी सेना की फायरिंग रेंज में था। वह पाक की सरहद से 10 किलोमीटर दूर थे।

Congress leader Manish Tewari says PM Convoy was under Pak artilery fire range
पीएम मोदी की सुरक्षा में चूक पर मनीष तिवारी का बड़ा बयान।  |  तस्वीर साभार: ANI
मुख्य बातें
  • बुधवार को फिरोजपुर में एक चुनावी सभी को संबोधित करने वाले थे पीएम
  • हुसैनीवाला फ्लाईओवर पर पीएम मोदी का काफिला 20 मिनट तक फंसा रहा
  • प्रदर्शनकारियों की वजह से पीएम का काफिला फ्लाईओवर से आगे नहीं बढ़ पाया

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा चूक पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मनीष तिवारी ने बड़ा बयान दिया है। तिवारी ने कहा कि पांच जनवरी को पीएम मोदी का काफिला फ्लाईओवर पर जिस जगह फंसा था, वह पाकिस्तानी सेना की फायरिंग रेंज में था। ऐसे में यह बात करना कि पीएम के काफिले को कोई खतरा नहीं था, वह समझ से परे है। कांग्रेस नेता का यह बयान पार्टी रुख से अलग है। पंजाब कांग्रेस का कहना है कि उसने पीएम की सुरक्षा के लिए सुरक्षा के पर्याप्त प्रबंध किए थे और उन्हें कोई खतरा नहीं था। इस बीच, एसपीजी की एक चिट्ठी सामने आई है जिसमें उसने पंजाब दौरे के समय पीएम मोदी की जान को खतरा बताते हुए पंजाब के डीजीपी को पत्र लिखा था। 

पाकिस्तान सरहद से मात्र 10 किलोमीटर दूर थे पीएम

एक न्यूज चैनल के साथ बातचीत में मनीष तिवारी ने कहा, 'जहां तक देश के प्रधानमंत्री की सुरक्षा का संबंध है, वह मामला कुछ अलग हो जाता है। जहां पर उनका काफिल रुका था। वह पाकिस्तानी सरहद से 10 किलोमीटर दूर है। भारत-पाकिस्तान सीमा पर पाकिस्तान की जो ऑर्टिलरी तैनात है उसकी रेंज 35-36 किलोमीटर से ज्यादा है। ऐसे में प्रधानमंत्री की सुरक्षा की तुलना किसी और से करना मैं अपने विवेक में उचित नहीं मानता।' मनीष तिवारी ने गुरुवार को कहा था कि पीएम की सुरक्षा में चूक का मसला गंभीर है और इसे राजनीतिक फुटबाल नहीं बनाना चाहिए।    

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सवालों के घेरे में पंजाब पुलिस 

पीएम की सुरक्षा में चूक के मसले पर भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस आमने-सामने हैं। भाजपा जहां इस पूरे मामले में गहरी साजिश होने का आरोप लगा रही है, वहीं कांग्रेस का कहना है कि पीएम की रैली में भीड़ नहीं जुटी थी और यह बात जब प्रधानमंत्री को पता चली तो उन्होंने वापस लौटने का फैसला किया। बहरहाल, सुरक्षा चूक से अब तक जो तथ्य सामने आए हैं उससे पंजाब सरकार और पंजाब पुलिस सवालों के घेरे में खड़ा हो रहे हैं। पीएम मोदी का काफिला सड़कमार्ग और फ्लाईओवर से गुजरने वाला है इसकी जानकारी आखिर प्रदर्शनकारियों तक कैसे पहुंची। प्रदर्शनकारियों को यह जानकारी यदि पंजाब महकमे की ओर से मिली तो यह काफी गंभीर बात है।

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एमएचए की टीम जांच में जुटी

पीएम की सुरक्षा में चूक की जांच के लिए दो समितियां गठित हुई हैं। पंजाब सरकार ने एक समिति गठित की है जो तीन दिनों में अपनी रिपोर्ट पेश करेगी। जबकि गृह मंत्रालय की ओर से गठित पैनल जांच के लिए शुक्रवार सुबह उस फ्लाईओवर पर पहुंचा जहां पीएम मोदी का काफिल फंसा था। एमएचए के अधिकारियों ने फ्लाईओवर और उसके आसपास की वीडियो रिकॉर्डिंग की और फिरोजपुर रेंज के डीआईजी एवं एसएसपी का बयान दर्ज किया। पीएम की सुरक्षा मामले में चूक की सुनवाई शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में भी हुई। शीर्ष अदालत ने भी कहा कि वह पीएम की सुरक्षा को लेकर गंभीर है। उनसे चंडीगढ़ हाई कोर्ट को पीएम की यात्रा से जुड़े सभी रिकॉर्ड सुरक्षित रखने का निर्देश दिया है।   

फ्लाईओवर पर 20 मिनट तक फंसे रहे पीएम

बता दें कि पीएम मोदी गत बुधवार को पंजाब में थे। उन्हें फिरोजपुर में एक चुनावी सभा को भी संबोधित करना था। दिल्ली से बठिंडा एयरपोर्ट पहुंचने पर मौसम खराब हो गया जिसके बाद पीएम ने सड़क मार्ग से राष्ट्रीय शहीद संग्रहालय जाने का फैसला किया। पीएम का काफिला जब हुसैनीवाला फ्लाईओवर पहुंचा तो वहां पर प्रदर्शनकारी पहले से जमा थे। इसके चलते पीएम का काफिले वहां करीब 20 मिनट तक फंसा रहा। फ्लाईओवर पर करीब पांच प्रदर्शनकारी पीएम के वाहन के करीब आ गए थे।

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