कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी राज्यसभा में पेश करेंगे जनसंख्या नियंत्रण बिल, क्या BJP का मिलेगा समर्थन?

देश
लव रघुवंशी
Updated Mar 14, 2020 | 21:16 IST

Population Control Bill: कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी राज्यसभा में जनसंख्या नियंत्रण बिल पेश करने वाले हैं। उनके विधेयक में कम बच्चों पर सुविधाएं देने और ज्यादा बच्चे होने पर सुविधाएं लेने की बात है।

1 बच्चा होने पर विशेष सुविधाएं देने का प्रस्ताव
1 बच्चा होने पर विशेष सुविधाएं देने का प्रस्ताव 

नई दिल्ली: इस तर्क के साथ कि बढ़ती जनसंख्या भारत के सीमित संसाधनों पर दबाव डाल रही है, कांग्रेस सांसद अभिषेक मनु सिंघवी राज्यसभा में जनसंख्या नियंत्रण बिल लाने को तैयार है। इसके माध्यम से वो 2 बच्चों की नीति को लागू करने का आह्वान करते हैं। इस नीति का पालन करने वालों को और ना करने वालों को प्रोत्साहित और हतोत्साहित करने की बात है। सिंघवी का कहना है कि राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने बिल को अनुमति दे दी है।

विधेयक में है कि जो लोग इस नीति का पालन नहीं करते हैं उन्हें चुनाव लड़ने से रोका जाए, सरकारी सेवाओं में पदोन्नति नहीं मिले, सरकारी योजनाओं या सब्सिडी का लाभ न दिया जाए और ग्रुप A की नौकरी के लिए आवेदन न करने दिया जाए।

वहीं विधेयक में 2 बच्चों की नीति का पालन करने वालों को वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान करने की बात की गई है। इसके अलावा केंद्र सरकार द्वारा राष्ट्रीय जनसंख्या स्थिरीकरण कोष की स्थापना की जाए और सभी स्वास्थ्य केंद्रों में उचित दरों पर गर्भ निरोधकों की उपलब्धता सुनिश्चित हो। 

1 बच्चा होने पर दी जाएं विशेष सुविधाएं
विधेयक में है कि यदि कोई विवाहित जोड़ा, जिसके पास केवल एक ही बच्चा है और वो स्वेच्छा से नसबंदी करवाते हैं तो सरकार को उन्हें विशेष सुविधाएं देनी चाहिए, जैसे उच्च शिक्षा संस्थानों में बच्चे का प्रवेश और सरकारी नौकरियों में चयन। इसके अलावा जो विवाहित जोड़े गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करते हैं और स्वैच्छिक रूप से नसबंदी करवाते हैं तो उन्हें केंद्र द्वारा अकेली लड़की पर 1 लाख रुपए और अकेला लड़का होने पर 60 हजार रुपए एकमुश्त दिए जाएं।

इसमें आगे कहा गया है कि एक साल बाद केंद्र सरकार के सभी कर्मचारी लिखित रूप में वचन देंगे कि वे दो से अधिक बच्चों नहीं करेंगे। जिन कर्मचारियों के पहले से ही दो से अधिक बच्चे हैं, वे यह वचन देंगे कि वे अब और कोई बच्चा नहीं करेंगे। इसके अलावा केंद्र सरकार को कर्मचारियों की भर्ती करते समय ऐसे उम्मीदवारों को वरीयता देनी चाहिए जिनके दो या दो से कम जीवित बच्चे हों।

विशेष परिस्थिति में ज्यादा बच्चे की छूट
अपवादों के अनुसार, विधेयक कहता है कि किसी केंद्र सरकार के कर्मचारी का बच्चा दिव्यांग है या ऐसी परिस्थिति है कि तीसरा बच्चा आवश्यक है तो ही उसे नियमों के तहत छूट दी जा सकती है। जो भी सरकारी कर्मचारी इस नीति का पालन नहीं करेगा उसे बर्खास्त किया जा सकता है।

BJP करेगी बिल का समर्थन?
अब सवाल है कि क्या सिंघवी के इस विधेयक को संसद में समर्थन मिलेगा। भाजपा के कई सदस्य समय-समय पर जनसंख्या नियंत्रण कानून की मांग करते रहते हैं, लेकिन देखना होगा कि क्या वो कांग्रेस नेता द्वारा लाए गए इस बिल का समर्थन करेंगे।

बीजेपी सांसद ने उठाई जनसंख्या नियंत्रण की मांग
इससे पहले शुक्रवार को राज्यसभा में भाजपा सदस्य हरनाथ सिंह यादव ने जनसंख्या विस्फोट की स्थिति पर काबू पाने के लिए सख्त कानून बनाए जाने की मांग की। उन्होंने कहा कि संसद के इसी सत्र में इस संबंध में प्रभावी कानून बनाया जाना चाहिए। उनकी मांग है की कि जिन लोगों की दो से अधिक संतान हों, उन्हें सरकारी सुविधाएं नहीं मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि दो बच्चों के नियम का उल्लंघन करने पर विभिन्न चुनाव लड़ने पर रोक भी लगा दी जानी चाहिए। यादव ने कहा कि जनसंख्या में तेजी से वृद्धि होने से पर्यावरण के साथ ही प्राकृतिक संसाधनों पर भी दबाव पड़ता है।

Times Now Navbharat पर पढ़ें India News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।

अगली खबर