नई दिल्ली : ईरान के जनरल कासिम सुलेमानी के मारने के लिए अमेरिकी कार्रवाई पर कांग्रेस ने सरकार पर निशाना साधा है। कांग्रेस ने कहा है कि सुलेमानी के खिलाफ कार्रवाई करने से पहले अमेरिका ने इस बारे में चीन और पाकिस्तान को सूचित किया लेकिन उसने यह जानकारी भारत के साथ साझा करना जरूरी नहीं समझा। अमेरिका ने अपने इस कदम के बारे में यदि सूचित नहीं किया तो दुनिया में भारत की हैसियत समझी जा सकती है।
कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने बुधवार को कहा, 'हम इस बात से चिंतित हैं कि हमले से पहले अमेरिका ने भारत को सूचित क्यों नहीं किया। अमेरिका ने हमले के बारे में चीन और पाकिस्तान से बात की। हमें यह कहते हुए दुख होता है कि भारत को नजरंदाज किया गया है। हम लोग कहीं भी इवेंट मैनेजमेंट एवं विरोध प्रदर्शन कर सकते हैं। अमेरिका ने हमले के बारे में यदि भारत से बात नहीं की तो यह समझा जा सकता है कि हम कहां पर खड़े हैं।' समझा जाता है कि कांग्रेस के इस बयान के बाद विदेश मंत्रालय इस मसले पर अपना रुख स्पष्ट कर सकता है।
बता दें कि गत तीन जनवरी को अमेरिका ने ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड के कुद्स फोर्स के जनरल कासिम सुलेमानी को अपने हवाई हमले में मार गिराया। सुलेमानी को उस वक्त निशाना बनाया गया जब उनका काफिला बगदाद के अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के पास से गुजर रहा था। अमेरिका ने कुद्स फोर्स को आतंकवादी संगठन घोषित कर रखा था। अमेरिका का आरोप है कि सुलेमानी अमेरिका के खिलाफ साजिश रच रहे थे। ह्वाइट हाउस का यह भी कहना कि इराक में अमेरिकी नागरिकों एवं दूतावास पर हमले के पीछे सुलेमानी का हाथ था।
अमेरिका की इस कार्रवाई के बाद दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया है। सुलेमानी के मारे जाने के बाद ईरान ने अमेरिका से 'बदला लेने' की धमकी दी और इसके बाद सात जनवरी को इराक स्थित अमेरिकी सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया। ईरान ने दावा किया है कि उसके हवाई हमले में अमेरिका को भारी नुकसान हुआ है। तेहरान का दावा है कि उसके इस हमले में करीब 80 सैनिक मारे गए हैं। इस हमले के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप 'ऑल इज वेल' कहा।
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