नई दिल्ली: तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सांसद महुआ मोइत्रा द्वारा देवी काली पर दिए गए बयान पर कांग्रेस नेता अभिषेक सिंघवी ने कहा कि लोगों को सावधान रहना चाहिए जब वे लोगों की भावनाओं के साथ खेलते हैं जो इस तरह के प्रतीकों, संस्कृति और विश्वास में रिफ्लैक्ट होते हैं। उन्होंने कहा कि हम अन्य पार्टियों पर टिप्पणी नहीं करना चाहेंगे, लेकिन मेरा मानना है कि प्रतीकों और हमारे विश्वास के सार में संतुलन बनाए रखा जाना चाहिए। हमारी संस्कृति के दिल और आत्मा को कोई भी छोटा नहीं कर सकता, चाहे वह कहीं और हो, विदेश में या यहां हो।
टीएमसी की महुआ मोइत्रा के बयान पर कांग्रेस की नेता रागिनी नायक ने कहा कि शशि थरूर बेहद मुखर होकर अपनी बात रखते हैं, उन्होंने इस मुद्दे पर भी ऐसा ही किया। कांग्रेस का मानना है कि धर्म व्यक्तिगत विश्वास का मामला है लेकिन हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हमारी एक्टिविटी और काम दूसरे धर्मों को चोट न पहुंचाए।
उधर टीएमसी ने मोइत्रा के बयान से अपनी दूरी बना ली है और कहा कि वह इसका समर्थन नहीं करती है। पार्टी ने ट्वीट किया कि महुआ मोइत्रा द्वारा देवी काली पर की गई टिप्पणी एवं व्यक्त किए गए विचार उनके व्यक्तिगत हैं और पार्टी इस बयान से खुद को अलग करती है। तृणमूल कांग्रेस ऐसी टिप्पणी की कड़ी निंदा करती है।
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि राज्य भर में मोइत्रा के खिलाफ पुलिस के पास सैकड़ों शिकायतें दर्ज कराई गई हैं। भाजपा विधायक अधिकारी ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस सरकार और राज्य पुलिस (भाजपा की निलंबित प्रवक्ता) नुपुर शर्मा के खिलाफ कार्रवाई के लिए बहुत सक्रिय रही है। लेकिन, उन्होंने महुआ मोइत्रा के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। भाजपा और तृणमूल कांग्रेस नेताओं के लिए अलग-अलग नियम नहीं हो सकते। हम 10 दिन इंतजार करेंगे और फिर अदालत का रुख करेंगे।
भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई के अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने कहा कि सनातन हिंदू धर्म के नियमों के अनुसार, देवी काली की पूजा एक ऐसी देवी के रूप में कभी नहीं की जाती जो मदिरापान करती हों और मांस भक्षण करती हों। हिंदू सदियों से देवी काली को बुराई के खिलाफ शक्ति के प्रतीक के रूप में पूजते रहे हैं। उनकी (मोइत्रा की) टिप्पणियों से धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं। हम देवी काली पर की गई टिप्पणी के लिए उन्हें गिरफ्तार करने की मांग करते हैं।
गौर हो कि कोलकाता में एक कार्यक्रम में भाग लेते हुए कृष्णानगर की सांसद मोईत्रा ने कहा कि यह व्यक्तियों पर निर्भर करता है कि वे अपने देवी-देवताओं को किस रूप में देखते हैं। उन्होंने कहा कि उदाहरण के लिए अगर आप भूटान जाते हैं तो आप पाते हैं कि वहां जब वे (लोग) पूजा करते हैं तो वे अपने देवता को मदिरा चढ़ाते हैं। अब यदि आप उत्तर प्रदेश जाते हैं और कहते हैं कि आप अपने देवता को प्रसाद के तौर पर मदिरा अर्पित करते हैं तो वे कहेंगे कि यह तो ईशनिंदा है।
मोईत्रा ने कहा कि लोगों को अपनी इच्छानुसार अपने देवी-देवताओं की कल्पना करने का हक है। उन्होंने कहा कि मेरे लिए, देवी काली मांस भक्षण करने वाली एवं मदिरा स्वीकार करने वाली देवी हैं। और अगर आप (पश्चिम बंगाल की वीरभूम जिले की महत्वूपूर्ण शक्तिपीठ) तारापीठ जाएंगे तो आप वहां साधुओं को धूम्रपान करते हुए देखेंगे। यह काली का स्वरूप है जिसकी लोग वहां पूजा करते हैं। मुझे, हिंदुत्व के अंदर, काली-उपासक होने के नाते काली की उस तरीके से कल्पना करने का अधिकार है और वह मेरी स्वतंत्रता है।
टीएमसी सांसद ने यह बात तब कही, जब उनसे एक ऐसी फिल्म के बारे में पूछा गया जिसके पोस्टर में देवी काली को धूम्रपान करते हुए दर्शाया गया है और जिससे विवाद पैदा हो गया है। मोईत्रा ने कहा कि जितनी आपको अपने देवी-देवताओं को शाकाहारी एवं सफेद वस्त्र में पूजा करने की आजादी है, उतनी ही मुझे वैसा करने (मांस भक्षण करने वाली देवीके रूप में कल्पना करने) की स्वतंत्रता है।
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