कल इस्तीफा देंगे कर्नाटक के मंत्री केएस ईश्वरप्पा, ठेकेदार संतोष पाटिल की आत्महत्या में आया है नाम

Karnataka Minister KS Eshwarappa: ठेकेदार संतोष पाटिल की कथित आत्महत्या मामले में नाम सामने आने के बाद कर्नाटक के मंत्री केएस ईश्वरप्पा का कहना है कि वह कल मुख्यमंत्री को अपना इस्तीफा सौंप देंगे।

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कर्नाटक के मंत्री केएस ईश्वरप्पा 
मुख्य बातें
  • हाल ही में 37 साल के ठेकेदार संतोष के पाटिल उडुपी के एक लॉज में संदिग्ध अवस्था में मृत पाए गए थे
  • सुसाइड नोट में मंत्री ईश्वरप्पा को मौत के लिए जिम्मेदार ठहराया गया
  • ईश्वरप्पा ने कहा था- मैं नहीं जानता कि संतोष पाटिल कौन हैं

ठेकेदार संतोष पाटिल की कथित आत्महत्या मामले में कर्नाटक के मंत्री केएस ईश्वरप्पा का कहना है कि वह कल मुख्यमंत्री को अपना इस्तीफा सौंप देंगे। उन्होंने कहा कि कल मैं इस्तीफा सीएम को सौंप रहा हूं। सहयोग के लिए मैं आप सभी का शुक्रिया अदा करता हूं। 

राज्य के ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री केएस ईश्वरप्पा के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है। विपक्ष ने मंत्री ईश्वरप्पा के इस्तीफे की मांग की थी, लेकिन राज्य मंत्रिमंडल ने कहा कि उनके इस्तीफे की जरूरत नहीं है। ठेकेदार संतोष के पाटिल (37) उडुपी के एक लॉज में संदिग्ध अवस्था में मृत पाए गए थे। विपक्षी दल कांग्रेस ने राज्य के राज्यपाल थावरचंद गहलोत से ईश्वरप्पा को मंत्रिपरिषद से बर्खास्त करने का आग्रह किया। हालांकि मंत्री ईश्वरप्पा ने बुधवार को अपने पद से हटने से इनकार कर दिया था।

ईश्वरप्पा ने आश्चर्य जताते हुए कहा कि क्या एक व्हाट्सएप संदेश को मृत्यु नोट के रूप में माना जा सकता है? मंत्री ने ठेकेदार संतोष पाटिल की मौत के पीछे रची गई साजिश की जांच की मांग की। मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा कि इस मामले में सच्चाई का पता लगाने के लिए वह खुद ईश्वरप्पा से बात करेंगे। संतोष पाटिल ने मंत्री के खिलाफ रिश्वत मांगने के आरोप लगाए थे। प्रशांत की ओर से दर्ज प्राथमिकी में, ईश्वरप्पा और उनके दो स्टाफ सदस्यों - रमेश और बसवराज को आरोपी बनाया गया है।

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पुलिस को दी गई शिकायत में मृतक के भाई प्रशांत पाटिल ने कहा कि 2020-21 में हिंडालगा गांव के निवासियों ने राज्य की राजधानी में ईश्वरप्पा से मुलाकात कर उनसे अनुरोध किया था कि वह पानी की निकासी के लिए नाला, सड़कों और फुटपाथ का निर्माण कराएं। ईश्वरप्पा ने बजट की चिंता किए बिना इस काम की अनुमति दे दी और ठेकेदार संतोष पाटिल को इस काम का ठेका दिया गया था। उनके भाई संतोष पाटिल ने परियोजना में चार करोड़ रुपए का निवेश किया था और उसका बिल अब तक लंबित है। उन्होंने कहा कि संतोष कई बार मंत्री ईश्वरप्पा से मिले थे और उनसे बिल को मंजूरी देकर धनराशि जारी करने का अनुरोध किया था लेकिन ईश्वरप्पा के करीबी कर्मी बसवराज और रमेश उनसे 40 प्रतिशत कमीशन की मांग कर रहे थे।

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(भाषा के इनपुट के साथ)
 

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