नई दिल्ली: कोरोना वायरस से एक तरफ जहां दुनियाभर में डर और खौफ फैला हुआ है, वहीं दूसरी तरफ से कुछ लोगों के लिए वरदान साबित हो सकता है। दरअसल, पंजाब में कैदियों को जेल से रिहा करने पर विचार किया जा रहा है। पंजाब के जेल मंत्री एसएस रंधावा ने कहा, 'मैंने पंजाब सरकार को 2800 कैदियों की रिहाई का प्रस्ताव भेजा है, जो स्नैचिंग जैसे छोटे अपराधों के लिए जेल में बंद हैं और 3000 अपराधी जो छोटी मात्रा में ड्रग्स के साथ पकड़े गए थे। अभी अंतिम निर्णय लिया जाना है।'
हालांकि उन्होंने इसके खतरों पर भी बात की और कहा, 'यहां चिंता है कि इन कैदियों की रिहाई के बाद अपराध दर बढ़ सकती है। राज्य के DGP और ADGP (जेल) ने SPs के साथ इस मुद्दे पर चर्चा की है और उसी के अनुसार निर्णय लिया जाएगा। साथ ही, कोरोना वायरस को लेकर हम जेलों को सैनेटाइज कर रहे हैं।'
रंधावा ने कहा कि रिहा कैदियों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए हम उनकी दिन में दो बार क्षेत्र के पुलिस थानों में उपस्थिति दर्ज कराएंगे।
राज्य में 9 सेंट्रल सहित 19 जेल हैं। वर्तमान में इनमें लगभग 25,000 कैदी हैं, जबकि इनकी क्षमता 23,500 है। एक अपराधी को उसके आचरण के आधार पर एक वर्ष में 16 सप्ताह तक की पैरोल मिल सकती है। राज्य सरकार ने एनडीपीएस अधिनियम और जघन्य अपराधों सहित दोषियों के अलावा अन्य कैदियों के लिए अच्छे आचरण को प्रोत्साहित करने के लिए पैरोल अवधि 12 से 16 सप्ताह तक बढ़ा दी थी।
भारत में अभी तक कोरोना वायरस के 147 मामले सामने आए हैं, अच्छी बात है कि पंजाब से अभी तक 1 ही मामला सामने आया है।
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