संक्रमण से भले न बचाए वैक्‍सीन, पर करता है ये अहम काम, जानें क्‍या कहते हैं विशेषज्ञ

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Updated Apr 16, 2021 | 18:30 IST

कोविड-19 से बचाव के लिए टीकाकरण के बावजूद कई लोगों के संक्रमित होने के बीच लोगों के जेहन में यह सवाल लगातार बना हुआ है कि आखिर इसकी उपयोगिता क्या है? जानें इस पर विशेषज्ञ क्‍या कहते हैं।

संक्रमण से भले न बचाए वैक्‍सीन, पर करता है ये अहम काम, जानें क्‍या कहते हैं विशेषज्ञ
संक्रमण से भले न बचाए वैक्‍सीन, पर करता है ये अहम काम, जानें क्‍या कहते हैं विशेषज्ञ  |  तस्वीर साभार: AP, File Image

नई दिल्ली : देश के कुछ हिस्सों से कोरोना वायरस का टीका लगाए जाने के बावजूद संक्रमण के मामले सामने आने के बाद विशेषज्ञों ने कहा है कि कोविड-19 के खिलाफ टीकाकरण 'कोई सुरक्षा प्रदान नहीं करता' बल्कि इससे संक्रमण की तीव्रता कम होती है और मृत्यु दर में कमी आती है। उन्होंने यह भी कहा है कि किसी भी क्लीनिकल या महामारी अध्ययन से टीकाकरण और इसके बाद बीमारी से ग्रसित होने के बीच 'अनौपचारिक संबंध' का पता नहीं चला है।

दिल्ली से चेन्नई तक और पटना जैसे टियर-2 शहरों में भी टीकाकारण के लाभार्थी कोरोना वायरस से संक्रमित हुए हैं। दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में मामलों में नवीनतम बढ़ोतरी के बाद 37 चिकित्सक संक्रमित हो गए, जिनमें से पांच को उपचार के लिए भर्ती किया गया। यह जानकारी पिछले हफ्ते अस्पताल के सूत्रों ने दी। सूत्रों ने बताया कि उनमें से कई ने कोविशील्ड टीके की दोनों खुराकें ली थीं।

टीकाकण के प्रतिकूल प्रभाव

दिल्ली में 54 वर्षीय एक सफाई कर्मचारी की तबियत खराब होने से 22 फरवरी को मौत हो गई। उनके बेटे धीरज ने बताया था, 'मेरे पिता ने कोविशील्ड की पहली खुराक 17 फरवरी को ली थी। उस दिन जब वह घर लौटे तो असहज महसूस कर रहे थे और अगले दिन उनके शरीर का तापमान काफी बढ़ गया, जो दो-तीन दिन तक रहा।' उन्होंने कहा कि 'टीकाकरण के बाद कमजोरी' होने के बावजूद उनके पिता काम पर जाते रहे और ड्यूटी के दौरान ही बेहोश हो गए। बाद में अस्पताल में उनका निधन हो गया।

चेन्नई में एक व्यक्ति ने 15 मार्च को टीका लगवाया और 29 मार्च को फिर से कोरोना वायरस से संक्रमित हो गए। उन्हें 30 मार्च को अस्पताल में भर्ती कराया गया और चार मार्च को उनकी मौत हो गई, जिससे परिजन टीके के असर को लेकर सशंकित हो गए। देश के कई हिस्से में टीकाकरण के बाद प्रतिकूल प्रभाव (एईएफआईएस) की मामूली घटनाएं सामने आई हैं, लेकिन कुछ मामलों में गंभीर प्रतिकूल प्रभाव भी हुए जिस कारण मरीजों को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।

मौत के मामले घटाने में कारगर

बहरहाल, केंद्र ने स्पष्ट कर दिया है कि कोविशील्ड और कोवैक्सीन दोनों सुरक्षित हैं और लोगों से अपील की कि अफवाहों पर ध्यान नहीं दें। कई विशेषज्ञों ने कहा कि टीकाकरण से कोविड-19 के खिलाफ घातक वायरस से 'सुरक्षा नहीं होती' बल्कि इससे संक्रमण की तीव्रता में कमी आती है और मौत के मामले घटते हैं। दिल्ली के अपोलो अस्पताल के डॉ. अवधेश बंसल ने कहा, 'हम जानते हैं कि टीकाकरण के बाद भी संक्रमण के मामले आए हैं और दो खुराक लेने के बावजूद मामले सामने आए हैं। लेकिन ये मामले उन लाभार्थियों से जुड़े हुए हैं जिनमें बहुत ही हल्के लक्षण थे। टीका कम से कम संक्रमण की तीव्रता को कम करता है और मृत्यु दर में कमी लाता है।' उन्होंने कहा कि दो खुराक के बाद ही टीका पूरी तरह प्रभावी होता है।

फोर्टिस अस्पताल की डॉ. ऋचा सरीन ने बंसल से सहमति जताते हुए कहा, 'दोनों खुराक लेने के बाद ही रोग प्रतिरोधक क्षमता बनती है। इसलिए पहली खुराक के बाद किसी के संक्रमित होने की संभावना हो सकती है।' दिल्ली के एक सरकारी अस्पताल के चिकित्सक ने नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर कहा, 'टीके से पूरी तरह सुरक्षा नहीं होती है।' उन्होंने कहा कि मास्क पहनने से वायरस से लड़ा जा सकता है।

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