Twin Tower Noida: यूपी के नोएडा के ट्विन टावर्स में ब्लास्ट का काउंटडाउन शुरू हो गया है और रविवार दोपहर ढाई बजे इसे ब्लास्ट कर गिरा दिया जाएगा। ब्लास्ट को लेकर सारी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। सिर्फ 9 सेकेंड में ये दोनों टावर मलबे में तब्दील हो जाएंगे। दोनों टावर्स को गिराने से पहले आसपास के इलाके की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। इंसानों के साथ-साथ जानवरों का भी ख्याल रखा जा रहा है। कुतुब मीनार से भी ऊंचे ये टावर बिल्डर और अथॉरिटी के अधिकारियों के मिलीभगत से भ्रष्टाचार की तैयार हुई थी। साल 2009 में सुपरटेक ने नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों के साथ मिलीभगत कर ट्विन टावर का निर्माण शुरू किया था।
कल दोपहल 2.30 बजे गिराए जाएंगे ट्विन टावर्स
वहीं विशेषज्ञ स्वास्थ्य संबंधी खतरों को लेकर चिंतित होते जा रहे हैं। लोगों को संभावित स्वास्थ्य जोखिमों से खुद को बचाने के लिए आवश्यक एहतियाती कदम उठाने चाहिए। दरअसल डिमोलिशन एक विशाल धूल के बादल और धुएं का निर्माण करेगा, जिससे आसपास के क्षेत्रों में लोगों को स्वास्थ्य के लिए बड़ा खतरा होगा। जैसे ही टावर गिरेंगे धूल भरी आंधी उठनी शुरू हो जाएगी। इससे वायु प्रदूषण में पांच गुना तक की वृद्धि हो सकती है। इसके परिणामस्वरूप अगले कई दिनों तक लोगों को स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना होगा।
नवजात बच्चों, गर्भवती महिलाएं, बुजुर्गों की बढ़ेंगी समस्याएं
डॉक्टरों का कहना है कि ब्लास्ट के बाद अगले कुछ दिनों तक लोगों के लिए वहां रहना मुश्किल हो जाएगा। खासकर नवजात बच्चों, गर्भवती महिलाएं, बुजुर्गों के साथ-साथ सांस और हार्ट अटैक के मरीजों के लिए समस्याएं बढ़ जाएंगी। इसके अलावा बिल्डिंग के गिरने से होने वाली ध्वनि और वायु प्रदूषण से बहुत बीमारियां हो सकती हैं। साथ ही अस्थमा की बीमारी से जूझ रहे लोगों को काफी परेशानी हो सकती है। डॉक्टरों ने कहा कि अगले कुछ दिनों तक खुले में व्यायाम और योगा से बचना चाहिए। साथ ही जरूरत पड़ने पर घर से निकलें और निकलते समय मॉस्क का इस्तेमाल जरूर करें।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने ट्विन टावर्स के डिमोलिशन के बाद ध्वनि और धूल प्रदूषण के प्रभाव को कम करने के लिए तंत्र भी स्थापित किया है। वहीं नोएडा पुलिस द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार निवासियों को छत से डिमोलिशन प्रक्रिया की तस्वीरें या वीडियो लेने की अनुमति नहीं होगी। छह सोसायटी- सिल्वर सिटी, पारसनाथ प्रेस्टीज, पारसनाथ सृष्टि, एल्डिको यूटोपिया, एल्डिको ओलंपिया और एटीएस ग्रीन्स सोसाइटी के निवासियों को डिमोलिशन के समय छत पर नहीं जाने दिया जाएगा। इन छह सोसायटियों में 3,000 से अधिक फ्लैट हैं।
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