Covid-19: 'अहम हैं ये 3 महीने, रहना होगा सतर्क', केंद्र ने Zydus Cadila वैक्‍सीन पर दी महत्‍वपूर्ण जानकारी

Covid 19 during festive season: त्‍योहारी सीजन में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में बढ़ोतरी की आशंकाओं के बीच केंद्र सरकार ने चेताया है कि तीन महीने बेहद अहम हो सकते हैं।

त्‍योहारों को देखते हुए बाजारों में भीड़ बढ़ने लगी है, जिससे संक्रमण केस बढ़ने का अंदेशा है
त्‍योहारों को देखते हुए बाजारों में भीड़ बढ़ने लगी है, जिससे संक्रमण केस बढ़ने का अंदेशा है  |  तस्वीर साभार: ANI
मुख्य बातें
  • त्योहारी सीजन में कोविड केस बढ़ने की आशंका के मद्देनजर लगातार निर्देश जारी किए जा रहे हैं
  • केंद्र ने चेताया है कि कोविड को लेकर तीन महीने अहम हो सकते हैं और सतर्क रहने की जरूरत है
  • Zydus Cadila वैक्‍सीन देने के लिए देश में एप्‍लीकेटर का इस्‍तेमाल पहली बार होगा

नई दिल्‍ली : कोरोना वायरस संक्रमण के रोजाना मामलों में बीते कुछ महीनों में कमी जरूर आई है, लेकिन यह अभी तक खत्‍म नहीं हुआ है। देश में त्‍योहारी सीजन को देखते हुए एक बार फिर से संक्रमण के मामलों में इजाफे की आशंका जताई जा रही है और इसके मद्देनजर प्रशासनिक स्‍तर पर कई दिशा-निर्देश भी जारी किए जा रहे हैं। इन सबके बीच केंद्र सरकार ने महामारी को लेकर नई चेतावनी जारी की है और तीन महीनों को महत्‍वपूर्ण बताया है।

इन 3 महीनों में रहना होगा सतर्क

केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय में संयुक्‍त सचिव लव अग्रवाल ने गुरुवार को कहा कि तीन महीने- अक्‍टूबर, नवंबर, दिसंबर बेहद अहम हैं। इसे लेकर हमें सतर्क रहने की जरूरत है। उन्‍होंने यह भी बताया कि देश में इस वक्‍त 28 ऐसे जिले हैं, जहां पॉजिटिविटी रेट 5 से 10 फीसदी के बीच है, जो संक्रमण की उच्‍च दर है। वहीं, 34 ऐसे जिले हैं, जहां कोविड-19 संक्रमण की साप्‍ताहिक पॉजिटिविटी दर 10 फीसदी से अधिक है। लक्षद्वीपप, चंडीगढ़, गोवा, हिमाचल प्रदेश, अंडमान एवं निकोबार और सिक्किम में 100 फीसदी आबादी को कोविड रोधी वैक्‍सीन का पहला डोज लग चुका है।

देश में पहली बार होगा ऐसा

वहीं, नीति आयोग के सदस्‍य (स्‍वास्‍थ्‍य) डॉ. वीके पॉल ने Zydus Cadila वैक्‍सीन को लेकर अहम जानकारी दी। उन्‍होंने कहा कि देश के पास जल्‍द ही एक और वैक्‍सीन होगी और यह महज कुछ ही समय की बात है।

इसमें देरी को लेकर उन्‍होंने कहा कि यह वैक्‍सीन परंपरागत सीरींज या निड‍िल के जरिये नहीं, बल्कि एप्‍लीकेटर (applicator) के माध्‍यम से दी जाएगी। देश में पहली बार इसका इस्‍तेमाल होने जा रहा है। इसलिए फिलहाल इसके रखरखाव और स्‍वास्‍थ्‍यकर्मियों को इसके लिए प्रशिक्षित करने की दिशा में काम किया जा रहा है।

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