संक्रमण चेन तोड़ना जरूरी, इन दो उपायों से तीन सप्‍ताह में 5 फीसदी हो सकती है पॉजिटिविटी रेट: विशेषज्ञ

देश में गहराते कोरोना संकट के बीच विशेषज्ञों ने एक बार फिर कहा है कि इस माहामारी से जंग में सभी को अपनी जिम्‍मेदारी लेनी होगी। संक्रमण की चेन तोड़ना बहुत जरूरी है।

संक्रमण की चेन तोड़ना जरूरी, इन दो उपायों से तीन सप्‍ताह में 5 फीसदी हो सकती है पॉजिटिविटी रेट: विशेषज्ञ
संक्रमण चेन तोड़ना जरूरी, इन दो उपायों से तीन सप्‍ताह में 5 फीसदी हो सकती है पॉजिटिविटी रेट: विशेषज्ञ  |  तस्वीर साभार: ANI

नई दिल्‍ली : देश में गहराते कोरोना संकट के बीच स्‍वास्‍थ्‍य विशेषज्ञों ने एक बार फिर लोगों को बताया है कि संक्रमण की बेकाबू रफ्तार को किस तरह काबू किया जा सकता है। विशेषज्ञों ने साफ कहा कि कोविड-19 संक्रमण की चेन तोड़ना जरूरी है और ऐसा सिर्फ दो चीजों- कोविड अनुकूल व्‍यवहार और वैक्‍सीनेशन से ही संभव है। उन्‍होंने प्रतिबंधों का सख्‍ती से पालन किए जाने पर भी जोर दिया।

एम्‍स में मेडिसिन विभाग के प्रमुख डॉ. नवनीत विग के अनुसार, 'अगर हम सभी जिम्मेदारी लें और कोविड अनुकूल व्‍यवहार का पालन करें तो हम अगले तीन सप्‍ताह में देश में पॉजिटिविटी रेट 5 प्रतिशत से भी कम कर सकते हैं।' उन्‍होंने कई राज्‍यों में लगाए गए प्रतिबंधों का सख्‍ती से अनुपालन किए जाने पर जोर देते हुए कहा कि मुंबई में इसका फायदा देखने को मिला है, जहां कड़े प्रतिबंधों के बाद पॉजिटिविटी रेट घटकर 14 प्रतिशत रह गई है, जबकि पूर्व में यह 26 प्रतिशत थी।

'घर में ठीक हो सकते हैं 90 फीसदी मरीज'

वही मेदांता के डॉ. नरेश त्रेहान ने कहा कि अगर आपकी RT-PCR रिपोर्ट पॉजिटिव आ जाती है तो आपको घबराने की जरूरत नहीं है, बल्कि किसी भी स्‍थानीय डॉक्‍टर से संपर्क करने की आवश्‍यकता है, जिनसे भी आप संपर्क कर सकते हैं। कोविड-19 संबंधी प्रोटोकॉल के बारे में सभी डॉक्‍टर जानते हैं और वे उसी के अनुसार आपको उपचार मुहैया कराएंगे। उन्‍होंने यह भी कहा कि 90 प्रतिशत मरीज घर में ही ठीक हो सकते हैं, अगर उन्‍हें सही समय पर सही दवा दी जाए।

कोरोना वैक्‍सीन को लेकर तरह-तरह की 'अफवाहों' को लेकर हेल्‍थ सर्विसेज के डायरेक्‍टर जनरल डॉ. सुनील कुमार ने कहा कि वैक्‍सीन को लेकर कई तरह की अफवाहें चल रही हैं। लेकिन इसका कोई गंभीर साइड इफेक्‍ट नहीं है, बल्कि ये महज मामूली है। उन्‍होंने जोर देकर कहा कि वैक्‍सीन और कोविड अनुकूल व्‍यवहार ही दो ऐसी चीजें हैं, जिससे कोविड संक्रमण की चेन तोड़ने में मदद मिलेगी।

'रेमडेसिविर जादू की गोली नहीं'

वहीं, एम्स के डायरेक्‍टर डॉ. रणदीप गुलेरिया ने एक बार फिर कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण के उपचार में रेमडेसिविर कोई 'जादू की गोली' नहीं है। यह केवल उन्‍हीं मरीजों को दी जाती है, जो अस्‍पताल में भर्ती हैं और जिनकी हालत मॉडरेट से गंभीर के बीच है तथा जिनका ऑक्‍सीजन लेवल 93 से नीचे है। उन्‍होंने लोगों से अपील की कि वे ऑक्‍सीजन और रेमडेसिविर का दुरुपयोग न करें। अधिकतर मरीज घर में ही आइसोलेट होकर ठीक हो सकते हैं।

Times Now Navbharat पर पढ़ें India News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।

अगली खबर