हैदराबाद : कोरोना की दूसरी लहर में पॉजिटिव होने वाली महिलाओं की संख्या पहली लहर से ज्यादा है। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुातबिक राज्य के कुल संक्रमण में महिलाओं की हिस्सेदारी 38.5 प्रतिशत है। यह आंकड़ा पिछले साल जुलाई में करीब 34 प्रतिशत था। जबकि राष्ट्रीय स्तर पर कुल संक्रमण में महिलाओं की संख्या 36 प्रतिशत है। राष्ट्रीय स्तर पर एक मई के आंकड़ों के अनुसार कोरोना के कुल संक्रमण में पुरुषों का प्रतिशत 64.6 और महिलाओं का 35.4 प्रतिशत है।
आईसीयू में भर्ती होने वाली महिलाओं की संख्या बढ़ी
डॉक्टर ने आगे कहा, 'पहले आईसीयू में भर्ती होने वाली महिला मरीजों की प्रतिशत करीब 33 था जो कि अब बढ़कर 39 फीसदी हो गया है। महिला और पुरुषों का मौत का प्रतिशत एक समान है जो कि चिंता का विषय है। इसका एक कारण यह हो सकता है कि महिलाओं को देरी से अस्पताल लाया जाता है और ग्रामीण इलाकों में पुरुषों के मुकाबले महिलाओं के इलाज में गंभीरत कम दिखाई जाती है।'
वायरस ने अपना स्वरूप बदला
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि महिलाओं का बड़ी संख्या में कोरोना से संक्रमित होना इस बात का भी इशारा करता है कि वायरस ने अपने स्वरूप में बदलाव कर लिया है। एएससीआई के प्रोफेसर डॉ. सुबोध कंडामुथन ने कहा, 'महिलाएं सामान्य रूप से कोविड-10 प्रोटोकॉल का पालन करती हैं। वे पुरुषों के मुकाबले घर से बाहर कम निकलती हैं लेकिन युवा पीढ़ी की लड़कियों पर खतरा अब ज्यादा बढ़ गया है।'
महिला और पूरुषों की मौत समान
टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक निजामाबाद गवर्न्मेंट जनरल अस्पताल की एसोसिएट प्रोफोसेर डॉ. किरन मदाला का कहना है, 'हम अपने यहां आईसीयू में आने वाले मरीजों की करीबी नजर रख रहे हैं। जाहिर है कि महिला मरीजों की संख्या बढ़ गई है। लेकिन एक बात महिला और पुरुषों में दोनों में बराबर है। दोनों का मृत्यु का आंकड़ा 50-50 प्रतिशत है।' डॉक्टर ने बताया कि अब परिवार के कई लोग एक साथ बीमार पड़ रहे हैं। फिर भी महिलाओं में संक्रमण कम है। इसलिए उन्हें लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए।
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