कोरोना वायरस से मौत के खतरे को 98 फीसदी तक कम करती है टीकों की दोनों डोज : केंद्र

कोरोना वायरस से बचाव के लिए टीकाकरण की मुहिम के बीच केंद्र सरकार ने स्‍पष्‍ट किया है कि वैक्‍सीन की दोनों डोज इस महामारी के कारण होने वाली मौतों से 98 प्रतिशत तक सुरक्षा प्रदान करती है।

केंद्र सरकार ने एक अध्‍ययन का हवाला देते हुए कहा है कि वैक्‍सीन की दोनों डोज कोविड से होने वाली मौतों के जोखिम को लगभग 98 फीसदी कम करती है
केंद्र सरकार ने एक अध्‍ययन का हवाला देते हुए कहा है कि वैक्‍सीन की दोनों डोज कोविड से होने वाली मौतों के जोखिम को लगभग 98 फीसदी कम करती है  |  तस्वीर साभार: AP, File Image
मुख्य बातें
  • सरकार ने कहा है कि कोविड-19 रोधी टीकों की दोनों डोज बेहद अहम है
  • यह इस बीमारी से होने वाली मौतों से 98 प्रतिशत तक सुरक्षा प्रदान करती है
  • केंद्र सरकार ने पंजाब के पुलिसकर्मियों पर हुए एक अध्‍ययन का हवाला दिया है

नई दिल्ली : कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम को लेकर वैश्विक स्‍तर पर टीकाकरण कार्यक्रम चलाया जा रहा है। भारत में इन दिनों रोजाना लगभग 50 लाख लोगों का टीकाकरण किया जा रहा है। हालांकि टीकाकरण को लेकर लोगों के मन में अब भी कई सवाल हैं, जिस पर केंद्र सरकार ने स्थिति स्‍पष्‍ट की है। केंद्र का कहना है कि टीकों की दो डोज इस बीमारी के कारण होने वाली मौतों के जोखिम को 98 फीसदी तक कम करती है।

देश में इस वक्‍त कोविशील्‍ड, कोवैक्‍सीन के साथ-साथ रूसी वैक्‍सीन स्‍पूतनिक भी लोगों को दी जा रही है। हालांकि स्‍पूतनिक की उपलब्‍धता इस वक्‍त देश में कोविशील्‍ड, कोवैक्‍सीन के मुकाबले थोड़ी कम है। विशेषज्ञों ने जहां कोविशील्‍ड और कोवैक्‍सीन के दो डोज की अनुशंसा की है, वहीं स्‍पूतनिक को सिंगल डोज वैक्‍सीन बताया गया है। कोरोना से बचाव के लिए दुनियाभर में कई अन्‍य वैक्‍सीन भी लगाए जा रहे हैं, जिनकी दो डोज की अनुशंसा विशेषज्ञों ने की है। इस पर एक अध्‍ययन का हवाला देते हुए सरकार ने कहा है कि टीकों की दोनों खुराक कोविड-19 महामारी से होने वाली मौत के खतरे को 98 प्रतिशत तक कम करती है, जबकि एक डोज करीब 92 प्रतिशत बचाव प्रदान करती है।

पंजाब में पुलिसकर्मियों पर हुआ अध्‍ययन

सरकार ने पंजाब के पुलिस कर्मियों पर किए गए एक अध्ययन का हवाला देते हुए यह बात कही। चंडीगढ़ स्थित स्नातकोत्तर चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान ने पंजाब सरकार के साथ मिलकर यह अध्ययन किया है। अध्ययन से जुड़े आंकड़ों को साझा करते हुए नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वी के पॉल ने शुक्रवार को कहा कि 4,868 पुलिसकर्मियों को टीका नहीं लगा था, जिनमें से 15 की कोरोना वायरस संक्रमण के कारण जान चली गई। यह प्रति हजार पर मौतों के हिसाब से 3.08 होता है।

उन्‍होंने कहा कि टीके की पहली खुराक ले चुके 35,856 पुलिस कर्मियों में से 9 की जान गई और यह आंकड़ा प्रति हजार की दर से 0.25 होता है। वहीं कुल 42,720 पुलिसकर्मियों ने टीकों की दोनों खुराक लीं, जिनमें से सिर्फ 2 की मौत कोरोना वायरस संक्रमण से हुई। यह प्रति हजार की दर से 0.05 मामलों के बराबर है। ये आंकड़े बताते हैं कि कोविडरोधी टीके की एक खुराक इस बीमारी के कारण होने वाली मौतों से 92 प्रतिशत तक सुरक्षा प्रदान करती है, जबकि दोनों खुराक 98 प्रतिशत तक सुरक्षा देती है।

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