संसद से पास हुआ आपराधिक प्रक्रिया पहचान बिल, अमित शाह ने कहा- हमारा कानून सख्ती के मामले में 'बच्चा'

देश
लव रघुवंशी
Updated Apr 06, 2022 | 20:22 IST

Criminal Procedure Identification Bill 2022: गृह मंत्री अमित शाह ने आज राज्यसभा में आपराधिक प्रक्रिया (पहचान) विधेयक, 2022 पेश किया। शाह ने कहा कि अमेरिका, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया में दोष सिद्धी का प्रतिशत बहुत ज्यादा है।

Amit Shah
अमित शाह, गृह मंत्री 
मुख्य बातें
  • दंड प्रक्रिया शिनाख्त विधेयक का मकसद दोषसिद्धि दर में वृद्धि लाना: अमित शाह
  • आंकड़े सुरक्षित रखे जाएंगे और सुरक्षित तरीके से उन्हें साझा किया जाएगा: गृह मंत्री
  • अपराधियों के तौर-तरीके बदले, पुलिस को आधुनिक तकनीक से लैस करने की जरूरत: शाह

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में आपराधिक प्रक्रिया (पहचान) विधेयक 2022 पेश किया। विधेयक आपराधिक मामलों में पहचान और जांच के उद्देश्य से दोषियों और अन्य व्यक्तियों के बायोमेट्रिक विवरण एकत्र करने और रिकॉर्ड को संरक्षित करने के लिए अधिकृत करने का प्रयास करता है। बिल राज्यसभा से पारित हो गया है। लोकसभा ने सोमवार, 4 अप्रैल को विधेयक पारित किया था।

विधेयक पर अमित शाह ने कहा कि विधेयक का उद्देश्य अभियोजन एजेंसियों को वैज्ञानिक साक्ष्य उपलब्ध कराने के साथ-साथ पुलिस, फोरेंसिक टीम की क्षमता निर्माण करना है। व्यवस्था ऐसी है कि यह नागरिकों की गोपनीयता को जोखिम में नहीं डालती है। हमारा कानून अन्य देशों की तुलना में सख्ती के मामले में 'बच्चा' (कुछ नहीं) है। दक्षिण अफ्रीका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, अमेरिका जैसे देशों में अधिक कड़े कानून हैं, यही वजह है कि उनकी सजा की दर बेहतर है। वहां पर दोष सिद्धी इसलिए ज्यादा है क्योंकि वहां जांच एजेंसियों को वैज्ञानिक तरीके से जांच करने का अधिकार मिला हुआ है। 

शाह ने कहा कि मौजूदा सरकार का मानना है कि अपराध की जांच ‘थर्ड डिग्री’ के आधार पर नहीं बल्कि तकनीक एवं सूचना के आधार पर होनी चाहिए। कुछ विपक्षी सदस्यों द्वारा मानवाधिकारों का विषय उठाए जाने जाने का जिक्र करते हुए शाह ने कहा कि उनके भी मानवाधिकार हैं, जो अपराधियों से पीड़ित हैं, जिनके परिवार के उस सदस्य की हत्या हो जाती है, जो घर चलाता है। उन्होंने कहा कि सदन को सिर्फ गुनहगारों की ही नहीं बल्कि उनसे पीड़ित लोगों के मानवाधिकारों की भी चिंता करनी चाहिए।

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इस विधेयक में दोषियों और अपराध के मामले में गिरफ्तार लोगों का विभिन्न प्रकार का ब्यौरा एकत्र करने की अनुमति देने की बात कही गई है जिसमें अंगुली एवं हथेली की छाप या प्रिंट, पैरों की छाप, फोटो, आंखों की पुतली, रेटिना और लिखावट के नमूने आदि शामिल हैं। इसमें कहा गया है कि दंड प्रक्रिया पहचान विधेयक 2022 ऐसे व्यक्तियों का समुचित शरीरिक माप लेने का विधिक उपबंध करता है। यह अपराध की जांच को अधिक दक्ष बनायेगा और दोषसिद्धि दर में वृद्धि करने में सहायता करेगा।

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